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चेन्नई

राष्ट्रीय शिक्षा नीति हिंदी नहीं थोपेगी, तमिलनाडु का दावा निराधार और राजनीतिक : शिक्षा मंत्री

Dharmendra Pradhan

चेन्नईMar 03, 2025 / 07:02 pm

PURUSHOTTAM REDDY

Dharmendra Pradhan
चेन्नई. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) राज्यों पर हिंदी नहीं थोपेगी। इस संबंध में तमिलनाडु के विरोध के पीछे राजनीतिक कारण हैं। प्रधान ने यहां कहा, हमने एनईपी-2020 में कभी नहीं कहा कि केवल हिंदी होगी। हमने केवल यह कहा है कि शिक्षा मातृभाषा पर आधारित होगी, तमिलनाडु में यह तमिल होगी। शिक्षा मंत्री की यह टिप्पणी एनईपी और तीन भाषा नीति के कार्यान्वयन को लेकर तमिलनाडु सरकार और केंद्र में टकराव के बीच आई है। उन्होंने कहा कि मैं कुछ लोगों की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं का जवाब नहीं देना चाहता।
एनईपी-2020 भारत की विभिन्न भाषाओं पर केंद्रित है, चाहे वह हिंदी हो, तमिल हो, उडिय़ा हो या पंजाबी। सभी भाषाओं का समान महत्व है। तमिलनाडु में कुछ लोग राजनीति के कारण इसका विरोध कर रहे हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा था कि कृत्रिम मेधा (एआई) के युग में स्कूलों में किसी भी भाषा को तीसरी भाषा के रूप में लागू करना अनावश्यक है। उन्नत अनुवाद तकनीक पहले ही भाषा संबंधी बाधाओं को तुरंत दूर कर देती है। छात्रों पर अतिरिक्त भाषाओं का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए।
Dharmendra Pradhan

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