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सौ गांव व दो पालिका पर एक दमकल, क्षमता एक हजार लीटर

एक छोटी दमकल पर उपखंड मुख्यालय निर्भर होने से अचानक आग लगने की घटनाओं को समय पर काबू पाने में परेशानी हो रही है, जिससे आग लगने की घटना पर लाखों रुपए का नुकसान हो जाता है।

बूंदीApr 06, 2025 / 05:18 pm

पंकज जोशी

सौ गांव व दो पालिका पर एक दमकल, क्षमता एक हजार लीटर

केशवरायपाटन. श्रीराम धर्मशाला में खड़ी छोटी दमकल।

केशवरायपाटन. एक छोटी दमकल पर उपखंड मुख्यालय निर्भर होने से अचानक आग लगने की घटनाओं को समय पर काबू पाने में परेशानी हो रही है, जिससे आग लगने की घटना पर लाखों रुपए का नुकसान हो जाता है। सिंचित क्षेत्र में प्रतिवर्ष खेतों में लगने वाली आग से सैंकड़ों बीघा फसलें जलकर राख हो जाती है। किसानों को अपने संसाधनों से ही आग को बुझाना पड़ता है।
उपखंड मुख्यालय पर नगर पालिका के पास एक छोटी दमकल है, जिसकी क्षमता एक हजार लीटर पानी की है। कापरेन नगर पालिका के पास जो दमकल है वह खराब पड़ी हुई है। विषम परिस्थितियों में प्रशासन को कोटा व बूंदी से दमकल मंगवानी पड़ती है, जो समय पर नहीं पहुंच पाती है। समय पर दमकल नहीं आने से लोगों को नुकसान उठाना पड़ता है, लेकिन प्रशासन इस बारे में गंभीर नहीं है। कभी कभार तो आग बुझाने के बाद अग्निशमन घटनास्थल पर पहुंचती है।
दो पालिका की तीन दर्जन पंचायतें निर्भर
उपखंड में गर्मी आते ही फसलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही है। क्षेत्र में दो नगर पालिका क्षेत्र व तीन दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों में एक दमकल है। आग लगने के बाद दमकल कर्मियों को पहुंचने में आधा से एक घंटा लग जाता है। कोटा व बूंदी से दमकल आने में दो घंटे लग जाते हैं। नगर पालिका बोर्ड बैठकों व पंचायत समिति की बैठक में दमकलें मंगवाने की मांग जनप्रतिनिधि दो दशक से उठाते आ रहे हैं। इस बारे में प्रशासन को भी अवगत कराया गया था। वर्ष 2023-24 में एक दर्जन स्थानों में लगी आग में तीन सौ बीघा में अधिक गेहूं की फसलों में आग लगी थी। किसानों को मुआवजा तक नहीं मिला।
तालेड़ा. उपखंड मुख्यालय पर प्रशासन द्वारा दमकल की व्यवस्था नहीं रखने से किसानों की खून पसीने की मेहनत पर कभी भी पानी फिर सकता है। किसान के खेत में यदि आग लग जाए तो बूंदी या कोटा से बुलाई गई दमकल जब तक पहुंचेगी फसल या अन्य जगहों पर लगने वाली आग़ काफी नुकसान कर चुकी होगी। इसकी जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को होने पर भी अनदेखी की जा रही है।तालेड़ा उपखंड पर एक भी दमकल की व्यवस्था नहीं होने से किसानों की फसलों की सुरक्षा खतरे में पड़ी हुई है। किसानों ने कई बार प्रशासन को इस समस्या के बारे में अवगत कराया गया, लेकिन समय के अनुसार दमकल की व्यवस्था मुख्यालय पर नहीं की गई। उपखंड मुख्यालय पर दमकल का मौजूद रहना आवश्यक है।
कोटा बूंदी के भरोसे
उपखंड पर आसपास किसी भी पकी फसल पर आग लग जाती है तो दमकल को बूंदी कोटा से बुलाया जाता है। दमकल के तालेड़ा पहुंचने में करीब एक घंटा या इससे अधिक समय लग जाता है। जब तक फसल जल चुकी होती है। इसी तरह डाबी क्षेत्र में किसी भी खेत में आग लगने पर बूंदी से करीब 3 घंटे से अधिक समय में दमकल पहुंच पाती है।
उपखंड मुख्यालय पर दमकल की व्यवस्था होनी चाहिए, जिसे डाबी व तालेड़ा क्षेत्र के किसानों की फसलों की सुरक्षा हो सके। इस समस्या के बारे में पहले भी अवगत करा चुके हैं। समस्या का समाधान नहीं हुआ तो धरना प्रदर्शन किया जाएगा
रामनिवास भगत, जिला मंडी अध्यक्ष बूंदी।
उपखंड डाबी एवं तालेड़ा क्षेत्र के 106 गांव आते हैं। क्षेत्र में आग लगने की घटना होने पर कोटा एवं बूंदी से दमकल को बुलाना पड़ता है। उपखंड मुख्यालय पर दमकल की व्यवस्था नहीं है।
हर्षित शर्मा, तहसीलदार, तालेड़ा।

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