जयपुर। राजस्थान पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने कहा है कि महिलाएं अपने हक के लिए मांगना बंद करें। वे अपनी दिव्यता को पहचानें। उन्होंने कहा कि ममता, करुणा और वात्सल्य जैसी शक्तियां स्त्री में स्वाभाविक रूप से मौजूद हैं, जो उसे पति और संतान के लिए नहीं, बल्कि वंश और समाज की परंपरा को मजबूत करने के लिए दी गई हैं।
इसीलिए वे खुद समझें और नई पीढ़ी को समझाएं कि समाज या देश से मांगो मत, देने लायक बनो। कोठारी बुधवार को राजस्थान पत्रिका कार्यालय झालाना में फीमेल बाइकर्स से संवाद कर रहे थे। कोठारी ने अपनी पुस्तक ‘स्त्री देह से आगे’ पर फीमेल बाइकर्स से बात की और पुस्तक के संदेश को देशभर की महिलाओं तक पहुंचाने की अपील की।
मां की भूमिका सबसे अहम
कोठारी ने कहा कि हमें मानव संस्कृति का निर्माण करना है और इसके लिए मां की भूमिका सबसे अहम है। उन्होंने आत्मा की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक स्त्री जब नए घर में प्रवेश करती है तो वह अपने शरीर के धर्म को माता-पिता के घर छोड़कर आत्मा के धर्म को अपनाती हैं।
उन्होंने कहा कि मां के पास वह शक्ति है, जो नौ महीनों में संतान की आत्मा को गढ़ देती है, जिसे कोई देवता भी बदल नहीं सकता। इसीलिए देश को विश्वगुरु बनाना है तो महिलाओं को ही अपनी दिव्यता को पहचानना होगा। देश को आगे बढ़ाने के लिए इंसान तैयार करने होंगे और वो इंसान का निर्माण महिलाएं ही कर सकती हैं।
संवाद में ग्रुप सदस्यों ने रखी अपनी बात
रेणु : महिलाओं को सशक्त बनाना चाहती हूं। इसीलिए राइडिंंग करती हूं। जहां भी गई, महिलाएं प्रेरित हो रही हैं। उनकी समस्या सुनकर उन्हें जागरूक करती हूं।
वेजी : हरियाणा से हूं। अभिभावकों ने हमेशा सपोर्ट किया है। मांगने पर उन्होंने एक दिन में मुझे बाइक दिलवाई। एक ऐप बना रही हूं, ताकि सभी युवतियां और महिलाएं ग्रुप से जुड़ सकें।
सीमा : समाज शुरू से ही महिलाओं को पीछे धकेलता आया है। शादी के बाद सोचा कि महिलाओं का आत्मसम्मान बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए। इस ग्रुप से जुड़ी, अब लोग मोटिवेट कर रहे हैं।
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