शहर के बस स्टैंड के सामने वाली व्याऊ में अंदर सामान भरा हुआ नजर आया। तो वहीं कॉलेज चौराहे के यहां लग रही प्याऊ से टूटी गायब मिली तो वहीं रेडक्रॉस के यहां लगे एक जगह प्याऊ बंद मिली तो दूसरी जगह गर्म पानी से राहगिर गुस्से में नजर आए और नगर निकाय के साथ संस्थाओं को कोसते हुए मिले। यहीं स्थिति अस्पताल गेट के बाहर लगे प्याऊ में भी देखने को मिले, जिन संस्थानों ने राहगिरों के लिए ठंडे पानी पीने की व्यवस्था की, वहीं इनको लगाकर भूल गउ। किसी के सुध नहीं लेने से यह प्याऊ बंद होने के कगार पर है। ऐसे हालात में लोगों को महंगी बोतल बंद पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। कुछ जगह तो ऐसी भी थी जहां लोगों को अत्यधिक आवागमन होने के बावजूद वहां पीने के पानी की व्यवस्था नहीं थी।
अप्रेल माह में अभी गर्मी में लगातार पारा उतार चढ़ाव में चल रहा है। एक बार तो पारा 44 डिग्री पार हो गया। भीषण गर्मी में आग उगल रही धरा के बावजूद बाजार में शादी ब्याह का सीजन होने से लोगों की भीड़ है। ऐसे हालात में कई इलाकों में पानी की व्यवस्था नहीं होने से लोग परेशान है। फुटपाथी दुकानदारों के साथ ठेला, रिक्शा चालक व अन्य सामान बेचने वाले को भी परेशानी हो रही है। कई इलाके ऐसे भी है जहां करीब आधा किलोमीटर एक भी प्याऊ नहीं है।
शहर के अधिकांश शीतल जल मंदिर बंद होने से कई सामाजिक संगठनों ने शहर के अलग-अलग स्थानों पर कैंपर प्याऊ शुरू कर दी है, जिससे आने-जाने वाले राहगिरों को गर्मी में कंट तर करने में आसानी हो रही है। शहर के सिविल लाइन,कोतवाली के बाहर, रेडक्रॉस के बाहर यह कैंपर प्याऊ लगाई गई है।