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जल मंदिर स्थापित कर भूले जिम्मेदार, सूख रहे कंठ

किसी प्याऊ से टूटी गायब तो कोई जल मंदिर अतिक्रमण की चपेट में है। किसी प्याऊ में सामान भरा हुआ है तो कई जगह जल मंदिर गर्म पानी के साथ हवा फेंक रहे है। यह स्थिति है शहर के अलग-अलग स्थानों में सामाजिक संगठनों की ओर से लगाए गए शीतल प्याऊ जल मंदिर की।

बूंदीApr 21, 2025 / 12:18 pm

Narendra Agarwal

जल मंदिर स्थापित कर भूले जिम्मेदार, सूख रहे कंठ

बूंदी. अस्पताल परिसर के अंदर लगी प्याऊ के तीनों जगहों की टोटिया खराब मिली। गंदगी का आलम था।

बूंदी. किसी प्याऊ से टूटी गायब तो कोई जल मंदिर अतिक्रमण की चपेट में है। किसी प्याऊ में सामान भरा हुआ है तो कई जगह जल मंदिर गर्म पानी के साथ हवा फेंक रहे है। यह स्थिति है शहर के अलग-अलग स्थानों में सामाजिक संगठनों की ओर से लगाए गए शीतल प्याऊ जल मंदिर की। भीषण गर्मी में भी लोगों के कण्ड सूख रहे है। जिम्मेदारों ने इनको स्थापित तो कर दिया, लेकिन समय-समय पर सुध नहीं लेने से वर्तमान में इनकी स्थिति खराब है। इनकी स्थिति ऐसी लग रही है जैसे नगर निकाय और सेवा कार्य में लगी संस्थाओं ने परोपकार से मुंह मोड़ लिया। राजस्थान पत्रिका ने रविवार को शहर के अलग-अलग जगह पानी की प्याऊ को टटोला तो अधिकांश जगह पर बंद मिली, तो किसी में टूटिया गायब मिली। 44 डिग्री सेल्सियस तापमान में शहर के प्रमुख बाजार व स्थानों पर लोग शीतल पानी के लिए तरस रहे हैं। कई जगह पर पानी की प्याऊ बंद है। कुछ जगह चल रही है तो पानी खराब है या गर्म आ रहा है वहीं ना टंकिया साफ हुई ना ही टोटियां बदली गई। कई जगह कूडा-करकट, अतिक्रमण की मार है।
महंगी बोतल से पानी पीना मजबूरी
शहर के बस स्टैंड के सामने वाली व्याऊ में अंदर सामान भरा हुआ नजर आया। तो वहीं कॉलेज चौराहे के यहां लग रही प्याऊ से टूटी गायब मिली तो वहीं रेडक्रॉस के यहां लगे एक जगह प्याऊ बंद मिली तो दूसरी जगह गर्म पानी से राहगिर गुस्से में नजर आए और नगर निकाय के साथ संस्थाओं को कोसते हुए मिले। यहीं स्थिति अस्पताल गेट के बाहर लगे प्याऊ में भी देखने को मिले, जिन संस्थानों ने राहगिरों के लिए ठंडे पानी पीने की व्यवस्था की, वहीं इनको लगाकर भूल गउ। किसी के सुध नहीं लेने से यह प्याऊ बंद होने के कगार पर है। ऐसे हालात में लोगों को महंगी बोतल बंद पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। कुछ जगह तो ऐसी भी थी जहां लोगों को अत्यधिक आवागमन होने के बावजूद वहां पीने के पानी की व्यवस्था नहीं थी।
बाजार में सावों की भीड़
अप्रेल माह में अभी गर्मी में लगातार पारा उतार चढ़ाव में चल रहा है। एक बार तो पारा 44 डिग्री पार हो गया। भीषण गर्मी में आग उगल रही धरा के बावजूद बाजार में शादी ब्याह का सीजन होने से लोगों की भीड़ है। ऐसे हालात में कई इलाकों में पानी की व्यवस्था नहीं होने से लोग परेशान है। फुटपाथी दुकानदारों के साथ ठेला, रिक्शा चालक व अन्य सामान बेचने वाले को भी परेशानी हो रही है। कई इलाके ऐसे भी है जहां करीब आधा किलोमीटर एक भी प्याऊ नहीं है।
कैंपर प्याऊ चालू
शहर के अधिकांश शीतल जल मंदिर बंद होने से कई सामाजिक संगठनों ने शहर के अलग-अलग स्थानों पर कैंपर प्याऊ शुरू कर दी है, जिससे आने-जाने वाले राहगिरों को गर्मी में कंट तर करने में आसानी हो रही है। शहर के सिविल लाइन,कोतवाली के बाहर, रेडक्रॉस के बाहर यह कैंपर प्याऊ लगाई गई है।

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