वर्ष 2021 में उन्होंने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी, लेकिन इसमें वे प्री क्लियर नहीं कर पाई थीं। शची ने बताया कि वर्ष 2020 में वे कोचिंग कर रही थीं, लेकिन कोविड की वजह से आधे में ही कोचिंग बंद करनी पड़ी। इसके बाद उन्होंने सेल्फ स्टडी की और चयनित हुईं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, बहनों, भाई व अन्य परिजनों को दिया है। उन्होंने बताया कि यूपीएससी में उनका विषय पॉलीटिकल साइंस एंड इंटरनेशनल रिलेशनशिप था।
प्रारंभिक व कॉलेज की शिक्षा अंबिकापुर में
शची ने बताया कि उनकी पहली से 8वीं तक की पढ़ाई सेंट्रल स्कूल अंबिकापुर, 9वीं से 12वीं तक होलीक्रॉस कान्वेंट स्कूल
अंबिकापुर में हुई। उन्होंने दिल्ली के दौलत राम कॉलेज से स्नातक तथा जेएनयू से स्नातकोत्तर किया तथा यहीं से पीएचडी की उपाधि ली। वे नेट और जेआरएफ की परीक्षा भी पास कर चुकी हैं।
दिए ये सक्सेस मंत्र:…..
दिए ये सक्सेस मंत्र: शची ने उमीदवारों को सक्सेस मंत्र दिए हैं। उन्होंने कहा कि मन लगाकर पढ़ाई करें, पढ़ाई का रूटीन बनाएं। धैर्य रखें, सेल्फ स्टडी करें। सफलता जरूर मिलेगी।
ढाई साल दिल्ली में रहकर की तैयारी, पांचवें प्रयास में मिली सफलता
मुंगेली के अर्पण चोपड़ा ने यूपीएससी सीएसई में 313वीं रैंक हासिल किया है। उन्होंने हायर सेकेंडरी तक की परीक्षा मुंगेली और स्नातक की पढ़ाई रायपुर के दुर्गा कॉलेज से करने के बाद वे पिछले ढाई साल से दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। अर्पण ने बताया कि वे कोरोनाकाल से ही इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। ये उनका पांचवां अटैट था। यूपीएससी में उनका विषय पॉलीटिकल साइंस एंड इंटरनेशनल रिलेशनशिप था। उनका कहना है कि टारगेट तय कर समय पर रिवीजन और ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट से यह सफलता मिली है। उनके पिता व्यापारी और भाई मुंगेली नगर पालिका में पार्षद हैं।