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Bilaspur High Court: सहमति से तलाक… फिर भी पत्नी की दूसरी शादी होते तक देना होगा भरण पोषण खर्च, हाईकोर्ट का फैसला शाह के वकील बीपी सिंह ने बताया कि इस प्रकरण के प्रार्थी विशाल केजरीवाल तीन साल तक पॉवर ऑफ अटॉर्नी लेकर भी जमीन की
रजिस्ट्री नहीं करा सके। उल्टे एक करोड़ के बदले 55 लाख 10 हजार वह अपने अन्य संस्थान के नाम पर प्राप्त कर चुका है। जमीन में जाने पर्याप्त रास्ता भी कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के आदेश से दिया गया है। इस बात को छिपा कर उसने एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके साथ ही संगीता केतन शाह ने उच्च न्यायालय में एफआईआर रद्द करने धारा 482 सीआरपीसी के तहत याचिका प्रस्तुत की।
मामले में केजरीवाल को उच्च न्यायालय द्वारा नोटिस जारी किया गया है। विशाल केजरीवाल के पिता ने भी हाईकोर्ट में जमानत को स्वीकार न करने बाबत आवेदन लगाया था। वरिष्ठ अधिवक्त बीपी सिंह ने कहा कि अगर कोई पुलिस अधिकारी सिविल मामले को आपराधिक मामला बनाकर फर्जी एफआईआर करता है तो उस अधिकारी के साथ-साथ राज्य सरकार भी जुर्माना भरने के लिए भी बाध्य रहेगी ।