CG News: इस वजह से व्याख्याता को किया गया बर्खास्त
दरअसल नवरतन जायसवाल की नियुक्ति वर्ष 2011 में
शिक्षाकर्मी वर्ग-01 के पद पर हुई थी। उस समय उन्होंने नियुक्ति प्रपत्र में दो से अधिक संतान होने की बात छिपाई थी। जांच में सामने आया कि उनके चार जीवित संतान हैं, जिनमें से दो का जन्म 26 जनवरी 2001 के बाद हुआ है। नियमानुसार कोई भी अभ्यर्थी जिसकी दो से अधिक जीवित संतान हैं और एक का जन्म 26 जनवरी 2001 या उसके बाद हुआ हो, उसकी नियुक्ति अमान्य मानी जाती है।
नोटिस के जवाब में गोदनामा का दिया हवाला
व्याख्याता नवरतन जायसवाल की शिकायत होने के बाद विभाग ने विभिन्न स्तरों पर जांच भी कराई, जिसके बाद व्याख्याता नवरतन जायसवाल को कारण बताओ नोटिस जारी कर प्रतिरक्षा का अवसर भी दिया गया था। लेकिन उन्होंने नोटिस के जवाब में सामाजिक गोदनामा का हवाला देकर दो संतान को सौंपने की बात कही, जिसे डीपीआई द्वारा स्वीकार नहीं किया गया। जायसवाल सेवा से बर्खास्त
CG News: नवरतन के खिलाफ दो से अधिक जीवित संतान छिपाकर नौकरी पाने की शिकायत वर्ष 2021 में
छत्तीसगढ़ लोक आयोग में दर्ज की गई थी। इसके बाद लोक शिक्षण संचालनालय ने मामले की जांच जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर और फिर संभागीय संयुक्त संचालक से करवाई।
विभिन्न पत्राचार और सुनवाई के चलते यह जांच करीब तीन साल तक चली। अंतत: सभी रिपोर्ट में दोष सिद्ध होने के बाद 3 अप्रैल 2025 को संचालनालय ने जायसवाल को सेवा से बर्खास्त कर दिया। इस दौरान उन्हें अपनी बात रखने के कई अवसर भी दिए गए।