इस बार नगर निगम का बजट 1089 करोड़ रुपए का प्रस्तावित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 38 करोड़ रुपए अधिक है। बजट में इस बार एजुकेशन हब विकसित करने की योजना को विशेष स्थान दिया गया है। साथ ही शहर में जल संकट से निपटने के लिए दीर्घकालीन रणनीति पर भी जोर रहेगा।
हालांकि निकाय चुनाव के बाद निगम की पहली सामान्य सभा से पहले कांग्रेस की ओर से अब तक नेता प्रतिपक्ष की घोषणा नहीं की गई है। यह स्थिति कांग्रेस की आंतरिक खींचतान और रणनीतिक असहमति को दर्शा रही है। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका सामान्य सभा में बेहद अहम मानी जाती है, क्योंकि बजट सत्र में जनहित के मुद्दों को मजबूती से रखने और सत्ता पक्ष को घेरने का दारोमदार विपक्ष पर ही होता है।
48 दिन बाद भी नेता प्रतिपक्ष का इंतजार
नगर निगम के चुनाव में इस बार 70 वार्डों में केवल 18 पार्षद कांग्रेस पार्टी के जीतकर आए हैं। वहीं 49 भाजपा के और 3 निर्दलीय हैं। चुनाव के बाद भाजपा ने जहां सभापति और एमआईसी का गठन कर दिया, तो वहीं चुनाव परिणाम आने के 48 दिन बाद भी कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष का नाम तय नहीं कर पाई है। सूत्रों की मानें तो
कांग्रेस पार्षदों के बीच वरिष्ठता और अनुभव को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है, जिसके कारण नाम तय नहीं हो सका है। यदि जल्द ही नेता प्रतिपक्ष की घोषणा नहीं की गई, तो कांग्रेस की उपस्थिति सामान्य सभा में कमजोर मानी जा सकती है।
निगम सभापति ने आयुक्त को लिखा पत्र, अगले सप्ताह हो सकती है सामान्य सभा
सामान्य सभा के लिए लिखा पत्र
नियमानुसार हर दो माह में सामान्य सभा कराना है, ताकि विकास कार्यों की रूपरेखा और चर्चा हो सके। इसके लिए वर्तमान में निगम आयुक्त को पत्र लिखकर सामान्य सभा कराने के लिए कहा गया है, अभी तारीख और स्थान तय नहीं किया गया है। – विनोद सोनी, सभापति, नगर निगम बिलासपुर।
जल्द ही तय करेंगे नेता प्रतिपक्ष
सामान्य सभा में हमारे सभी कांग्रेसी पार्षद जनता के मुद्दे उठाएंगे। प्रदेश स्तर से नेता प्रतिपक्ष का चयन होना है, इसके लिए पर्यवेक्षक प्रमोद दुबे शहर पहुंच चुके हैं। सभी पार्षद व कांग्रेस नेताओं से वन-टू-वन कर सामान्य सभा से पहले ही निगम में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त कर दिया जाएगा। – विजय पांडेय, अध्यक्ष शहर कांग्रेस कमेटी बिलासपुर।
कांग्रेस विपक्ष की भूमिका में भी नहीं
बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी निगम का चुनाव जीती है। कांग्रेस में आपसी खींचतान इतना अधिक है कि वह मजबूत विपक्ष की भूमिका में भी नहीं है, इसीलिए वह अपना नेता प्रतिपक्ष भी चुन नहीं पा रही है। वह नेता प्रतिपक्ष रखे न रखे, हम सामान्य सभा के साथ ही बेहतर तरीके से अपना कार्यकाल चलाएंगे। – पूजा विधानी, महापौर नगर निगम बिलासपुर।