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Bijapur: सबसे बड़े ऑपरेशन की दहशत में नक्सली, प्रेस नोट जारी कर कहा – बंदूक के दम पर नहीं लाई जा सकती बस्तर में शांति… सरकार से लगाई गुहार

Naxal Encounter: नक्सली संगठन ने एक बार फिर सरकार से शांति वार्ता की गुहार लगाई है। नक्सलियों ने कहा, बस्तर में बंदूक के दम पर शांति नहीं लाई जा सकती।

बीजापुरApr 25, 2025 / 08:02 pm

Khyati Parihar

Bijapur: सबसे बड़े ऑपरेशन की दहशत में नक्सली, प्रेस नोट जारी कर कहा - बंदूक के दम पर नहीं लाई जा सकती बस्तर में शांति… सरकार से लगाई गुहार
Bijapur: छ्त्तीसगढ़-तेलंगाना-महाराष्ट्र बॉर्डर पर नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन चल रहा है। इस ऑपरेशन में करीब 5 हजार जवान शामिल हैं। यहां हिड़मा, दामोदर, देवा समेत कई बड़े नक्सलियों और उनकी बटालियन को घेरा गया है। इसी बीच नक्सली संगठन ने एक बार फिर सरकार से शांति वार्ता की गुहार लगाई है। नक्सलियों ने इसके लिए प्रेस नोट भी जारी किया है।

प्रेस नोट जारी कर कही ये बात

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) उत्तर-पश्चिम सब जोनल ब्यूरो के प्रभारी रूपेश की ओर से जारी पत्र में सबसे पहले बीजापुर-तेलंगाना सीमा पर तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और छत्तीसगढ़ में तैनात सुरक्षाबल की संयुक्त कार्रवाई को तुरंत रोकने की मांग करते हुए सरकार से शांति वार्ता के लिए आगे आने की अपील की है।
ब्यूरो के चिट्ठी में रूपेश ने साफ तौर पर कहा है कि बस्तर में बंदूक के दम पर शांति नहीं लाई जा सकती। उनका कहना है कि उन्होंने पहले ही शांति वार्ता के लिए माहौल बनाने की मांग की थी, लेकिन सरकार की ओर से इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई। चिट्ठी में हाल ही में शुरू हुए कागार ऑपरेशन का भी जिक्र किया गया है, जिस पर रूपेश ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की संयुक्त कार्रवाई वार्ता के माहौल को नुकसान पहुंचा रही है।
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इसके साथ उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि एक ओर बातचीत की बात होती है, तो दूसरी ओर जंगलों में फोर्स भेज दी जाती है। दावा है कि वे शांति वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार की मंशा कुछ और ही दिख रही है। अंत में लिखा गया है कि वे सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
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विजय शर्मा कर रहे मॉनिटरिंग

बताया जा रहा है कि पूरे ऑपरेशन की छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा मॉनिटरिंग कर रहे हैं। IG से एक-एक मूवमेंट की जानकारियां ले रहे हैं। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा और DGP के साथ लगातार संपर्क में हैं। यहां की सारी रिपोर्ट केंद्र सरकार तक पहुंच रही है।
बता दें कि ये ऑपरेशन कर्रेगट्टा, नडपल्ली, पुजारी कांकेर की पहाड़ी पर चल रहा है। जहां करीब 300 नक्सलियों के होने की सूचना है। बुधवार रात तक के हिसाब से ऑपरेशन को 48 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं। दोनों ओर से रुक-रुककर फायरिंग भी हो रही है।

शांति वार्ता एक बहाना, तैयारी करना चाह रहे थे नक्सली

नक्सलियों की तरफ से शांतिवार्ता के लिए लगातार पर्चा जारी किया जा रहा है। नक्सली बार-बार सरकार से कह रहे हैं कि बस्तर में ऑपरेशन रोका जाए, हमें अपने साथियों से, नेतृत्वकर्ताओं से युद्धविराम के लिए बैठकर बात करनी है। इस बात से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह नक्सलियों की कोई बड़ी प्लानिंग हो सकती है।
या फिर नक्सली अब फोर्स के घेरे में फंस चुके हैं। इसलिए वे अपने साथियों के मूवमेंट के लिए और नई प्लानिंग के लिए शांति वार्ता की बात कह रहे हैं। लेकिन, CG के गृह मंत्री विजय शर्मा ने साफ कह दिया है कि ऑपरेशन नहीं रुकेगा। नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़ दें, हथियार डाल दें।

बड़े कैडर्स के नक्सली भी यहां मौजूद

कर्रेगुट्टा पहाड़ तक पहले आसानी से नक्सलियों की सप्लाई पहुंचती थी। अब इन इलाकों में फोर्स के कई कैंप स्थापित हो चुके हैं। इस वजह से राशन नहीं पहुंच रहा। यही कारण है कि फोर्स ने रणनीति के तहत नक्सलियों को तब घेरा है जब वे पहाड़ पर सबसे कमजोर हो चुके हैं। इस इलाके में नक्सलियों की बटालियन नंबर 1,2 समेत अन्य कंपनियां सक्रिय हैं। बड़े नेता हिड़मा, देवा, विकास समेत तेलंगाना-महाराष्ट्र-आंध्र की सेंट्रल कमेटी, DKSZCM (दंण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी), DVCM (डिविजनल कमेटी मेंबर), ACM (एरिया कमेटी मेंबर), संगठन सचिव जैसे बड़े कैडर्स के नक्सली भी यहां मौजूद हैं।

नक्सलियों की सबसे सेफ जोन में घेराबंदी

फोर्स ने इस बार छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के गढ़ को घेर लिया है। कर्रेगुट्टा इलाका नक्सलियों की बटालियन नंबर 1 से 5 तक का सबसे सेफ जोन माना जाता रहा है। नक्सलियों ने पिछले दिनों एक प्रेस नोट जारी करते हुए इसी पहाड़ी पर आईईडी का जाल बिछे होने की बात कही थी। बुधवार शाम तक जानकारी आ रही थी कि इस इलाके में एक हजार से ज्यादा नक्सली छिपे हुए हैं। जिनमें हिड़मा समेत कई बड़े नक्सली कमांडर हैं। इसी की पुष्टि के बाद तीन राज्यों की फोर्स ने इस इलाके को घेरा है।

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