बीजापुर में 5000 जवानों ने नक्सलियों को घेरा! 5 नक्सली ढेर, एक सप्ताह तक चल सकता है ऑपरेशन
CG Naxal Encounter: बीजापुर जिले के उसूर इलाके में फोर्स ने दो दिन पहले कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर टॉप नक्सल लीडर के जमावड़े की सूचना पर एक बड़ा ऑपरेशन लांच किया है।
CG Naxalite: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के उसूर इलाके में फोर्स ने दो दिन पहले कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर टॉप नक्सल लीडर के जमावड़े की सूचना पर एक बड़ा ऑपरेशन लांच किया है। बताया जा रहा है कि यह इस साल की अब तक सबसे बड़ी मुठभेड़ होने वाली है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि 70 वर्ग किमी की पहाड़ी पर बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद हैं।
कहा जा रहा है कि उनके पास पहाड़ पर बने रहने के लिए सीमित राशन है और फोर्स के पास लगातार हेलीकॉप्टर से रसद पहुंचाई जा रही है। इससे स्पष्ट है कि फोर्स यहां निर्णायक लड़ाई की तैयारी के साथ डटी हुई है। गुरुवार शाम तक बीजापुर एसपी ने इस मुठभेड़ में तीन महिला नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि भी कर दी है। उनके शव मिल चुके हैं। शवों की शिनाख्त की प्रक्रिया चल रही है। पहाड़ को तीन राज्यों की फोर्स ने दो दिन से घेर रखा है।
जिस इलाके को घेरा गया है, वहां नक्सलियों के टॉप कमांडर माड़वी हिड़मा और तेलंगाना स्टेट कमेटी का सेक्रेटरी दामोदर मौजूद हैं। दोनों पर एक करोड़ रुपए या ज्यादा का इनाम है। यह ऑपरेशन कितना बड़ा है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय का नक्सल डेस्क सीधे इस ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहा है। राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा खुद पल-पल का अपडेट ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी गृह मंत्री विजय शर्मा के संपर्क में हैं।
नक्सलियों की सबसे सेफ जोन में घेराबंदी
फोर्स ने इस बार छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के गढ़ को घेर लिया है। कर्रेगुट्टा इलाका नक्सलियों की बटालियन नंबर 1 से 5 तक का सबसे सेफ जोन माना जाता रहा है। नक्सलियों ने पिछले दिनों एक प्रेस नोट जारी करते हुए इसी पहाड़ी पर आईईडी का जाल बिछे होने की बात कही थी। बुधवार शाम तक जानकारी आ रही थी कि इस इलाके में एक हजार से ज्यादा नक्सली छिपे हुए हैं। जिनमें हिड़मा समेत कई बड़े नक्सली कमांडर हैं। इसी की पुष्टि के बाद तीन राज्यों की फोर्स ने इस इलाके को घेरा है।
नक्सली ऊंचाई पर और फोर्स नीचे, यह बड़ी चुनौती
इस पूरे इलाके में पहाडिय़ों की कई श्रृंखला है। यहां की भौगोलिक स्थिति से नक्सली अच्छी तरह वाकिफ हैं। वर्ग किमी की पूरी पहाड़ी पर नक्सली मौजूद हैं। वे ऊंचाई पर हैं और फोर्स नीचे से ऑपरेशन लांच कर रही है। फोर्स के लिए यही बड़ी चुनौती है क्योंकि नक्सली आसानी से ऊंचाई से हमला कर सकते हैं। फोर्स इस बात को ध्यान में रखते हुए पहाड़ी की हेलीकॉप्टर से रेकी भी कर रही है। बताया जा रहा है कि पहाड़ पर कई बंकर हैं, जहां नक्सल लीडर छिपे हुए हैं।
पहाड़ तक पहले आसानी से सप्लाई पहुंचती थी
कर्रेगुट्टा पहाड़ तक पहले आसानी से नक्सलियों की सप्लाई पहुंचती थी। पहले तेलंगाना के मुलुगु, वेंकटपुरम, छ्त्तीसगढ़ से नम्बी, पुजारी कांकेर और उसूर के नजदीक से नक्सलियों के राशन पहुंच जाता था। इब इन इलाकों में फोर्स के कई कैंप स्थापित हो चुके हैं। इस वजह से राशन नहीं पहुंच रहा। यही कारण है कि फोर्स ने रणनीति के तहत नक्सलियों को तब घेरा है जब वे पहाड़ पर सबसे कमजोर हो चुके हैं। विवाह का प्लान करते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाएगा।
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