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भोपाल

अब सरकारी नौकरी वाला या लंबा-गोरा लड़का नहीं, लड़कियों को पसंद आ रहे ये लड़के

CIBIL Score and Marriage : मध्य प्रदेश में शादी करने का ट्रेंड बदल रहा है। पहले जहां सिविल…यानी लड़के का सरकारी नौकर होना, अच्छा वेतन पाना, लंबा-गोरा, मिलनसार…और भी न जाने क्या-क्या शर्तें थीं। अब सिविल सिबिल में तब्दील हो रहा है।

भोपालMar 02, 2025 / 12:16 pm

Avantika Pandey

CIBIL Score and Marriage
CIBIL Score and Marriage : मध्य प्रदेश में शादी करने का ट्रेंड बदल रहा है। पहले जहां सिविल…यानी लड़के का सरकारी नौकर होना, अच्छा वेतन पाना, लंबा-गोरा, मिलनसार…और भी न जाने क्या-क्या शर्तें थीं। अब सिविल सिबिल(CIBIL Score) में तब्दील हो रहा है। सिबिल (क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) का स्कोर शादी का आधार बन रहा है। अब लड़कियां लड़कों को आर्थिक पैमाने की कसौटी पर परखने के लिए उसका सिबिल स्कोर देख रही हैं। लड़कियों की इस मानसिकता से साफ हो रहा है कि वे अपना भविष्य हर हाल में सुरक्षित करना चाह रही हैं।
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8 फरवरी को महाराष्ट्र(Maharashtra) के मुर्तजापुर में एक युवती ने इसकी शुरुआत की तो सिबिल स्कोर देखकर शादी करने का प्रदेश में नया ट्रेंड चल पड़ा है। घरवालों के लड़का पसंद करते ही लड़कियां उनके सिबिल स्कोर(CIBIL Score) को चेक कर यह सुनिश्चित कर रही हैं कि लड़का बैंकों का कर्जदार तो नहीं है। वह आय से अधिक ईएमआइ(EMI) तो नहीं भर रहा? लड़के का गोरा-लंबा होना अब आर्थिक सुनिश्चितता के बाद दूसरा पैमाना बन गया है।
प्रदेश में राजधानी(CIBIL Score and Marriage) और सागर में ऐेसे ही दो मामले सामने आए हैं। एक में जहां युवती ने कर्ज देखकर शादी से इनकार कर दिया। वहीं, दूसरे मामले में कर्जमुक्त युवक को दूल्हे के लिए चुन लिया। तीसरे मामले में तो लड़की ने सिर्फ पैकेज देखकर ही शादी से इनकार कर दिया। विशेषज्ञों का कहना है, लड़कियां हर हाल में वित्तीय सुरक्षा चाहती हैं। सामाजिक बदलाव को बताती पत्रिका की रिपोर्ट…।
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ये तीन मामले बता रहे ट्रेंड तेजी से बदल रहा

इतना कम पैकेज… बैंगलूरु में कैसे रहेंगे

भोपाल की शीतल (परिवर्तित नाम) की शादी बेंगलूरु में काम कर रहे लड़के से तय हुई। लड़की ने सबसे पहले लड़के का पैकेज पूछा। तब लड़की ने कहा, यह तो बहुत कम है। हम बैंगलूरु में रहेंगे तो इस पैकेज में ठीक-ठाक लोन भी नहीं मिलेगा। उसने शादी से इनकार कर दिया।

कर्जमुक्त निकला दूल्हा, मान गई युवती

सागर के गोपालगंज की मोना जैन की शादी छतरपुर के आशीष पंचरत्न से तय हुई। वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। मोना ने आशीष की आर्थिक स्थिति जानने के लिए उसका सिबिल स्कोर देखा। स्कोर 800 था। वह समझ गई कि उस पर कोई कर्ज नहीं है। आय अच्छी है। तब शादी की।
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आय का 55% ईएमआइ में, शादी से इनकार

इंदौर में विजयनगर के संदीप गौतम मेडिकल इक्यूपमेंट्स का कारोबारी हैं। उनकी शादी भोपाल में अरेरा ई-7 की निधि झा से तय हुई। निधि ने उसका सिबिल स्कोर देखा। तीन बड़े कर्ज थे। दो लाख की मासिक कमाई पर 1.18 लाख रुपए ईएमआइ में जा रही थी। निधि को लगा भविष्य सुरक्षित नहीं है, इसलिए शादी(Marriage) से मना कर दिया।

900 अंकों का सिबिल स्कोर बेहद कारगर

क्रेडिट मैनेजर विश्वजीत मिश्रा ने बताया, यह क्रेडिट स्कोर(CIBIL Score and Marriage) है। 300-900 अंकों का होता है। जितना ज्यादा स्कोर, बैंकों का भरोसा उतना ही ज्यादा। नवदंपत्तियों को घर, कार और अन्य लग्जरी आयटम्स की खरीद के लिए लोन मिलने की संभावना ज्यादा होती है। लोन समय पर चुकाया तो स्कोर बढ़ता है।
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क्या कहता है सिबिल स्कोर

● 685 स्कोर या अधिक हो तो लोन मिलने के चांस ज्यादा।
● 750 स्कोर को बैंक अच्छा मानते हैं।

● इसमें नाम, जन्म की तारीख लिंग, पहचान सब होते हैं।

● इसमें कब किसने कितना लोन लिया, कितना चुकाया, सब का उल्लेख।

● यदि लोन नहीं लिया, सिर्फ पूछताछ भी तो पता चलता है।
● खराब सिबिल स्कोर कोे तीन साल के मासिक रिकॉर्ड में सुधार कर स्कोर सुधारा भी जा सकता है।

जल्द ही लिखना पड़ेगा बायोडाटा में स्कोर

सेंट्रल बैंक के ब्रांच मैनेजर राजेश सिंघई का कहना है, शादी के लिए गुण, स्वभाव तो जरूरी हैं। वित्तीय अनुशासन भी जरूरी है। लड़कियां हर हाल में यह चाहती हैं। जल्द बायोडाटा में भी सिबिल स्कोर लिखने का चलन आएगा। कम सिबिल स्कोर वालों को शादी से पहले क्रेडिट काउंसलिंग करानी पड़ेगी।
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सिबिल स्कोर पूछना बताता है कि युवतियां शादी को अनिवार्य संस्था न मानकर बिजनेस के तौर पर ले रही हैं। यह फेक फेमिनिज्म के कारण हो रहा है। ऐसे मामले मेरे सामने भी आ रहे हैं। वे पहले ही तय कर रही हैं कि शादी टूटी तो बदले में कितना पैसा मिलेगा। – प्रो. योगिता यश रावत, मैरिज एंड रिलेशनशिप काउंसलर

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