सबसे पहले कर्मचारी(Employees Transfer) और उसके परिवार की जरुरत देखी जाएगी। उसके बाद पूर्व में तबादले की हिस्ट्री को भी संज्ञान में लिया जाएगा। यदि लंबे समय से तबादला नहीं लिया है तो आवेदन को प्राथमिकता में लिया जाएगा। जहां से तबादला होना है और जहां तबादला होकर जाना है, उन दोनों कार्यालयों की जरुरतें और वहां के मैनपावर को देखा जाएगा।
ये भी पढें –
मध्यप्रदेश को मिलेंगे 16 IAS अफसर, प्रक्रिया शुरू मंत्रियों का बढ़ जाएगा काम
नीति(New Transfer Policy) के आने के बाद मंत्रियों का काम बढ़ जाएगा। सभी आवेदन प्रभारी मंत्रियों की अनुशंसा के आधार पर आगे बढ़ेंगे। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट मंत्री चाहे तो कुछ संवर्ग के तबादलों से जुड़े काम विभाग के राज्यमंत्री को दे सकते हैं। हालांकि पूर्व से ही कुछ मंत्रियों ने साथी मंत्रियों को अधिकृत किया था।
ये भी पढें
– एमपी में 300 से अधिक जजों का ट्रांसफर, देखें लिस्ट शिफ्टिंग का समय
आमतौर पर मई-जून के महीने में स्कूलों में अवकाश होता है। इस बीच तबादला(Employees Transfer) लेने वाले कर्मचारी के पास शिफ्ट करने का समय रहेगा। शासन की मंशा है कि तबादला लेने वाले कर्मचारियों को परिवार को एक से दूसरे स्थान पर ले जाने का समय मिलना चाहिए। ताकि वे बीच में परेशानियों से बच सकें।
इन्हें मिल चुका अवसर
राज्य सरकार ने जनवरी में कुछ समय के लिए कर्मचारियों को तबादला कराने के अवसर दिए थे, लेकिन ये अवसर सभी के लिए नहीं था। केवल उच्च प्राथमिकता वाले कर्मचारियों के लिए ही थे, जो कम समय के लिए थे। कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी लगातार सामान्य कर्मचारियों के लिए भी अवसरों की मांग कर रहे हैं।