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भिंड

बस स्टेंड व रेलवे स्टेशन के बीच 5 किमी की दूरी, 30 रुपए तक किराया

शहर में बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के बीच छह से सात किलोमीटर का अंतर होने से यात्रियों को व्यावहारिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बस स्टैंड से रेलवे स्टेशन तक ऑटो एवं टमटम से 25-30 रुपए किराया लगता है, इसके बावजूद कई बार ट्रेन छूट जाए तो बस स्टैंड तक लौटकर आने में 50-60 रुपए खर्च हो जाते हैं। नगरपालिका रेलवे स्टेशन के पास बस स्टैंड के विकास का प्रयास कर रही है, लेकिन जगह नहीं तलाश पाई।

भिंडJun 19, 2023 / 03:10 pm

Ravindra Kushwah

बस स्टेंड व रेलवे स्टेशन के बीच दूरी

धूप में बसों पर चढ़ते यात्री।

भिण्ड. सुभाष तिराहे के पास तीन बस स्टैंड संचालित हैं। यहां 400 से अधिक बसों का संचालन 24 घंटे में होता है। यात्रियों के सामने बस और ट्रेन में से विकल्प चुनने की सुविधा नहीं है। जो यात्री रेलवे स्टेशन पर जाते हैं उनके लिए किसी कारण से ट्रेन छूटने पर बस स्टैंड तक लौटना न केवल आर्थिक रूप से खर्चीला होता है बल्कि व्यावहारिक रूप से भी परेशानी वाला होता है। बस स्टैंड से रोज और औसतन तीन हजार यात्री दिल्ली, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, अहमदाबाद, राजस्थान, उत्तरप्रदेश सहित अन्य महानगरों व राज्यों के लिए यात्रा करते हैं। जबकि ट्रेन भी सप्ताह में तीन दिन इंदौर के अलावा रोज कोटा के लिए और झांसी व इटावा के लिए उपलब्ध हैं। ट्रेन से ग्वालियर का किराया 45 और इटावा के लिए 30 रुपए है। सस्ती और आरामदायक यात्रा के लिए लोग कई बार बस को छोडकऱ ट्रेन से यात्रा करना चाहते हैं। लेकिन दूरी अधिक होने से मन मसोस कर जाते हैं। यही समस्या ट्रेन के यात्रियों के साथ है, यदि किसी कारण से ट्रेन छूट जाए तो बस स्टैंड तक आने में 25-30 रुपए खर्च हो जाते हैं। फिर ग्वालियर या इटावा जाने के लिए किराया भी अधिक देना पड़ता है। ट्रेन से 45 रुपए किराया है और बस से 100 रुपए लगता है।
पांच हजार यात्री करते हैं आवागमन
जिले मेें ट्रेन और बसों से रोज औसतन पांच हजार लोग यात्रा करते हैं। तीन हजार के करीब यात्री बसों से आते-आते हैं। कोटा जाने वाली ट्रेन सुबह 5.30 बजे जाती है, सर्दियों और बरसात के दिनों में कई यात्री समय पर नहीं पहुंच पाते और ट्रेन छूट जाती है। ऐसे में लोगों को पहले स्टेशन जाने के लिए 25-30 रुपए खर्च करने पड़ते हैं बाद में वापस आने पर इतना ही किराया खर्च होता है। बाद में ग्वालियर के लिए 100 और इटावा के लिए 70 रुपए किराया देना पड़ता है।
कथन-
-बसों में कई बार यात्रा मजबूरी में करनी पड़ती है, भीड़ और अव्यवस्था के कारण ट्रेन से जाना चाहते हैं लेकिन दूरी अधिक होने से संभव नहीं हो पाता। यदि ट्रेन छूट जाए तो 50 रुपए लोकल कन्वेश में ही खर्च हो जाते हैं।
सूर्यप्रकाश दुबे, यात्री।
-बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन नजदीक होने चाहिए, जिससे यात्रियों को अपनी सुविधा के अनुसार विकल्प उपलब्ध हो सके। अभी कोई बस से यात्रा का विचार त्यागकर रेलवे स्टेशन जाना चाहिए तो 25-30 रुपए खर्च हो जाते हैं।
धर्मवीर सिंह, यात्री।
-नगरपालिका को रेलवे स्टेशन के आसपास ही बस स्टैंड की व्यवस्था करनी चाहिए। इससे लोगों को विकल्प मिलेगा और सुगम यात्रा कर सकेंगे। बस स्टैंडों में छाया और पीने के पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं है।
गंगा ङ्क्षसह कुशवाह, यात्री।
-हर जगह रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पास में होते हैं। यहां भी ऐसी सुविधा होनी चाहिए। अभी दोनों जगह आने-जाने में यात्रियों का ट्रेन से ज्यादा किराया खर्च हो जाता है, इस पर विचार करना चाहिए।
विपिन जैन, नागरिक
रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के बीच की दूरी व्यावहारिक नहीं है। अटेर रोड पर सरकारी जगह देखी जाएगी, यदि सरकारी जगह मिल जाएगी तो वहां एक बस स्टैंड बनाने का प्रयास करेंगे। हम जगह देख रहे हैं नहीं मिली तो आसपास ही दूसरा विकल्प देखेंगे।
वर्षा अमित बाल्मीकि, अध्यक्ष, नगरपालिका, भिण्ड।

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