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भिलाई

48 नकलची छात्रों का भंडाफोड़! मोबाइल में उत्तर का PDF बनाकर लाए फिर.. निरस्त हो सकती है परीक्षा

CG News: नकल प्रकरणों के रोकथाम एवं परीक्षा के सुचारू रूप से संचालन के लिए विश्वविद्यालय ने दो उड़नदस्ता टीम का गठन किया हैं।

भिलाईApr 04, 2025 / 11:47 am

Shradha Jaiswal

48 नकलची छात्रों का भंडाफोड़! मोबाइल में उत्तर का पीडीएफ बनाकर लाए फिर.. निरस्त हो सकती है परीक्षा
CG News: छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं जारी हैं। जिसमें नकल प्रकरणों के रोकथाम एवं परीक्षा के सुचारू रूप से संचालन के लिए विश्वविद्यालय ने दो उड़नदस्ता टीम का गठन किया हैं। परीक्षा में अभी तक 48 नकल प्रकरण बनाए गए हैं। इन नकल प्रकरणों में कुछ विद्यार्थियाें ने टेक्नोलॉजी का सहारा लिया तो कुछ ने नकल में भी नादानी दिखाई।
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CG News: हाथों को उत्तर से भर दिया

दरअसल एक छात्र पीडीएफ में उत्तर डालकर लाया और फिर परीक्षा कक्ष में मोबाइल में देखकर उत्तर लिखता मिला। इसी तरह एक छात्रा अपने रुमाल पर ही पूरी कुंजी छापकर ले आई। रुमाल पर इतने सुक्ष्म अक्षरों में लिखा कि दूर से देखने में यह रुमाल की डिजाइन लगी, लेकिन जब उड़नदस्ता ने बारीकी से मुआयना किया तो नकल की असलियत सामने आ गई। एक नकलची विद्यार्थी तो ज्यादा ही होशियार निकला।
वह अपने एग्जाम पैड में ही उत्तर लिखकर ले आया। सफेद रंग का यह पैड दूर से सामान्य दिखता रहा, लेकिन जब पर्यवेक्षक ने करीब से इसे देखा तो हैरान रह गए। पैड के नीचे पेपर रखने पर यह उसमें पेंसिल से लिखे उत्तर विजिबल होने लगे।

आगे की प्रकिया

परीक्षा के दौरान जिन्हें नकल करते हुए पकड़ा गया है, उनकी कॉपियां तुरंत सीज कर दी गई और उन्हें नई उत्तरपुस्तिका देकर दोबारा से लिखने को कहा गया। यूनिवर्सिटी अनफेयर मींस यानी यूएफएम के नियम से अब इन सभी प्रकरणों को यूएफएम टीम के समक्ष रखा जाएगा।
टीम इन नकल प्रकरणों की जांच करेगी और इसकी रिपोर्ट विश्वविद्यालय को देगी। यूएफएम समिति द्वारा विद्यार्थियों के लिए दिया निर्णय आखिरी होगा। इस तरह नकल प्रकरणों को ए,बी,सी,डी और ई केटेगरी में रखा जाएगा। एक केटेगरी में विद्यार्थी को क्षमादान मिल सकता है। बी केटेगरी में विद्यार्थी की उक्त परीक्षा निरस्त किया जा सकता है। सी केटेगरी में आने वाले छात्र अपना साल बर्बाद कर बैठेंगे, क्योंकि विश्वविद्यालय अपनी पूरी परीक्षाएं निरस्त कर सकता है।

कहां कितने नकल प्रकरण मिले

उड़नदस्ता की जांच में दिखा कि अधिकतर विद्यार्थी अपने दोनों की हथेली पर उत्तर लिखकर लाए हैं। कुछ छात्राएं भी हाथों पर उत्तर लिखकर लाईं और उसे देखकर उत्तर लिखती मिलीं। अधिकांश नकलची छात्र प्रवेश पत्र के पीछे उत्तर लिखकर लाए और कक्षा में बैठे दूसरे परीक्षार्थियों को भी अपना प्रवेश पत्र बांटते रहे। जब उड़नदस्ता कक्ष में पहुंचा और विद्यार्थियों से प्रवेशपत्र मांगा तो उनके पास उनका प्रवेशपत्र नहीं मिला। पूछने पर उसने बताया कि प्रवेश पत्र पीछे या बगल में बैठे साथी के पास है। उस प्रवेशपत्र में उत्तर लिखे हुए थे। कुछ छात्र जेब में पर्ची छिपाकर लाए तो कुछ ने चिट अपने मोजों में दबा रखी थी।
शासकीय आचार्य पंथ श्री गृथमुनी नामसाहेब महाविद्यालय कवर्धा में पांच, साइंस कॉलेज दुर्ग में 5, शासकीय कन्या महाविद्यालय दुर्ग में 3, शासकीय महाविद्यालय साजा में 3, भिलाई महिला महाविद्यालय में 3, शासकीय रश्मिदेवी महाविद्यालय खैरागड़ में 3, शासकीय जवाहर लाल नेहरू पीजी महाविद्याल बेमेतरा में दो, शासकीय नवीन महाविद्यालय बेरला में 2, शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी में दो, सेठ रतनचंद सुराना महाविद्यालय दुर्ग में 2, शासकीय कन्या महाविद्यालय कवर्धा में 2, सेजम मॉडल कॉलेज सोमनी में 2, शासकीय महाविद्यालय अम्बागढ़ चौकी में 2, शासकीय महाविद्यालय पाण्डातराई में 2 और विभिन्न महाविद्यालयों में एक-एक नकल प्रकरण सामने आया है।

उड़नदस्ता में यह टीम शामिल

उड़नदस्ता टीम में खेल संचालक डॉ. दिनेश कुमार नामदेव, डॉ. नरेशधर दीवान खेल अधिकारी, शासकीय महाविद्यालय जामगांव-आर, अमरिक सिंह पूर्व क्रीड़ाधिकारी, डॉ. ऋतु दुबे क्रीड़ाधिकारी शासकीय कन्या महाविद्यालय दुर्ग, डॉ. रमेश त्रिपाठी क्रीड़ाधिकारी शासकीय महाविद्यालय भिलाई-3, डॉ. अल्का मिश्रा सहायक प्रोफेसर, शासकीय विज्ञान महाविद्यालय दुर्ग शामिल रहे।

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