होली पर अरारोट के रंग और गुलाल की मांग ज्यादा है। यह रंग हल्के और प्राकृतिक होने से त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। यह रंग पानी में आसानी से घुल जाते हैं। सफाई में भी ज्यादा परेशानी नहीं होती है। गुलाबी, पीला, नीला, हरा और लाल रंग उपलब्ध हैं। कई कंपनियों ने हर्बल गुलाल में कई वैरायटियां लॉन्च की हैं। अरारोट से बने रंग-गुलाल की संभावित मांग को देखते हुए खुदरा कारोबारी महंगे होने के बावजूद इनकी खरीद में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं। रंगों से चेहरे को बचाने के लिए कई तरह के मुखौटे भी बिक्री के लिए सजे हैं।

होली पर घरों में विविध प्रकार के व्यंजन बनेंगे। इसको लेकर किराणा के सामान समेत घर पर बनाए जाने वाले व्यंजनों को लेकर खरीदारी शुरू हो गई है। इसको लेकर व्यापारियों ने विविध प्रकार की वैरायटी खाद्य सामग्री का स्टॉक सजा लिया है। किराना दुकानों पर तरह-तरह के पापड़ एवं चिप्स भी लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। होली पर मिठाइयों की मांग भी अधिक रहती है। इसके लिए मिठाई व्यापारियों ने अभी से ही इसकी तैयारी शुरू कर दी है। कई लोग रंग गुलाल से बचने के लिए शहर से दूर पर्यटक स्थलों सहित शांत इलाकों में होली का पर्व मनाते है।