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बाड़मेर

Rajasthan New District: राजस्थान के नए जिले में धरातल पर नहीं उतरे वादे, डेढ़ साल बाद भी जनता को सुविधाओं का इंतजार

Rajasthan New District: राजस्थान के नए जिले में सरकार के वादे धरातल पर नहीं उतरे है। ऐसे में जनता को अब भी जिला स्तरीय सुविधाओं का इंतजार है।

बाड़मेरApr 16, 2025 / 03:14 pm

Anil Prajapat

balotra
जयकुमार भाटी
बालोतरा। वस्त्रनगरी के नाम से प्रसिद्ध बालोतरा जिला 7 अगस्त 2023 को बाड़मेर जिले से अलग होकर बना था। ऐसे में डेढ़ साल पहले बने नए जिले में चार उपखंड व 7 तहसील को शामिल किया गया। इसमें बालोतरा, सिणधरी, बायतु और सिवाना उपखंड के साथ ही पचपदरा, कल्याणपुर, सिवाना, समदड़ी, बायतु, गिड़ा और सिणधरी तहसील को शामिल करने पर क्षेत्र के लोगों में जिला स्तरीय सुविधाएं मिलने की खुशी थी।
लेकिन यहां कलेक्टर, एसपी और जिला स्तरीय कार्यालय खुलने के बावजूद लोगों को क्षेत्र के विकास व सुविधाओं का इंतजार है। जिला बनने के बाद लोगों में मूलभूत पानी, बिजली, सड़क व सीवरेज जैसी सुविधाओं का विकास होने की उम्मीद जगी थी। लेकिन आज भी शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र के लोग जलापूर्ति को तरस रहे है।

सड़कें टूटी व क्षतिग्रस्त होने से लोग परेशान

सड़कें टूटी व क्षतिग्रस्त होने से लोग परेशान है। शहर के मुख्य बाजारों सहित अन्य सड़कें संकरी होने के कारण लोगों को जाम में फंसे रहने से परेशान होना पड़ता है। संकरी सड़कों पर बने ओवरब्रिज से नीचे वाहन पार्किंग की जगह तक नहीं है। इसी तरह नए बस स्टैंड स्थित गंदे नाले की सुध नहीं लेने से इसमें कचरा और गंदगी अटी पड़ी है।

शहर में ड्रेनेज सिस्टम नहीं

खुले नाले में पशु गिरते है और इन्हें बाहर निकालने के लिए लोगों को मशक्कत करनी पड़ती है। शहर में ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने से बारिश के दिनों में भगतसिंह सर्किल, नेहरू कॉलोनी, शास्त्री सर्किल क्षेत्र व जिला अस्पताल सहित मुय सड़कें तालाब बन जाती है। शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग भी बरसों से चल रही है।

घोषणाओं का हो क्रियान्वयन

पूर्व राज्य सरकार ने 35 करोड़ रुपए न्यू बस स्टैंड स्थित गंदे नाले का सौंदर्यीकरण, बीपीएल क्वार्टर व चौपाटी निर्माण के लिए बजट में स्वीकृत किए। 2 करोड़ रुपए छतरियों का मोर्चा से बालोतरा मेगा हाइवे तक 5 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य के स्वीकृत किए। लेकिन डेढ़ साल बाद भी नए बस स्टैंड स्थित गंदे नाले का सौंदर्यीकरण नहीं हुआ। इसी तरह 5 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य भी अटका है। जबकि शहर के विकास कार्यों के लिए नगर परिषद ने भी दो साल पहले 124.85 करोड रुपये का बजट पेश किया।
वहीं वर्तमान में राज्य सरकार ने बजट 2025-26 में बालोतरा एवं सिवाना में बफर स्टोरेज के लिए 19.70 करोड़ रुपए का प्रावधान किया। बालोतरा में रिंग रोड के लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) के लिए 50 करोड़ रुपये प्रस्तावित करने के साथ मेगा हाईवे बाईपास से डांडियावास एवं भांडियावास से बालोतरा तक 11.5 किलोमीटर की रिंग रोड का निर्माण 3 करोड़ रुपए की लागत से करने का प्रावधान किया। इसी तरह सरकार ने बालोतरा में नगर विकास न्यास (यूआईटी), मिनी सचिवालय, पॉलिटैक्निक कॉलेज व खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट बनाने और जिले के जसोल व समदड़ी में नगर पालिका सहित कई अन्य घोषणा कर रखी है।
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हर दिन होते हैं परेशान

बालोतरा जिला बनने के बावजूद यहां विकास कार्य धरातल पर नहीं आए है। पार्क उजड़े हुए हैं। टाउन हॉल खस्ताहाल है। स्टेडियम का निर्माण कई वर्षों बाद आज भी अधूरा है। सड़कें जगह-जगह से टूटी है। शहर के नाले व सीवरेज कार्य पर सरकार और प्रशासन का नियंत्रण नहीं है।
-अमित सिंघवी, उद्यमी

रेल सुविधाओं के विस्तार की जरूरत

बालोतरा पश्चिमी राजस्थान का बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है। हर वर्ष राजस्व के रूप में करोड़ों रुपए से सरकार का खजाना भरता है, लेकिन विकास की दृष्टि से बहुत पिछड़ा है। पार्किंग अभाव में सड़कों से पैदल गुजरना मुश्किल हो रहा है। रेल सुविधाओं के विस्तार की जरूरत है। मुख्य मार्गों, बाजारों से अतिक्रमण हटाएं, चौराहों का सौन्दर्यकरण करवाएं।
-जनक चोपड़ा, उद्यमी

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