नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने सोमवार को इस निलंबन की संस्तुति भेजी थी, जिसे शासन से मंजूरी मिलते ही आदेश जारी कर दिए गए। निलंबन के साथ ही निर्माण विभाग में हड़कंप मच गया है। सूत्रों के अनुसार विभाग के अन्य अभियंताओं पर भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है।
अन्य इंजीनियर और ठेकेदार भी जांच के घेरे में
अरुण कुमार पर कार्रवाई के बाद नगर निगम के दो अन्य अवर अभियंताओं की कार्यशैली पर भी सवाल उठे हैं। वार्ड 3 और वार्ड 29 में हुए निर्माण कार्यों में गड़बड़ियां सामने आई हैं। संबंधित फाइलों की जांच हो चुकी है और रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। वहीं कई ठेकेदारों की फर्मों पर भी नगर निगम की नजर टिकी हुई है। इन फर्मों पर आरोप है कि इन्होंने अनुभव प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेजों में हेराफेरी की है और मानकों के अनुरूप निर्माण कार्य नहीं किया। अब इन्हें ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
नगर आयुक्त की चेतावनी के बाद भी नहीं आया सुधार
नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने बताया कि जेई अरुण कुमार ने कई विकास कार्य बिना सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के शुरू करवा दिए थे। शिकायत मिलने पर की गई प्राथमिक जांच में यह तथ्य सामने आए, जिसकी पुष्टि होते ही कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि संबंधित एजेंसियों को भुगतान नहीं किया जा सका और जेई अरुण कुमार कई आवश्यक बैठकों में शामिल नहीं हुए। उन्हें पहले भी उन्हें चेतावनी दी गई थी।