63 हजार की गड़बड़ी, 2 लाख से अधिक का कुल नुकसान
गांव के निवासी अशरफ खां ने वर्ष 2023 में ग्राम पंचायत में कराए गए कार्यों—जैसे पंचायत घर निर्माण, नाली, चबूतरा और अन्य निर्माण कार्यों—में अनियमितताओं की शिकायत की थी। शिकायत के आधार पर जांच शुरू की गई। प्रथम दृष्टया आरोपों की पुष्टि होने के बाद दिसंबर 2024 में ग्राम प्रधान के सभी वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार निलंबित कर दिए गए थे। इसके बाद परियोजना निदेशक डीआरडीए और ग्रामीण अभियंत्रण सेवा (आरईएस) के एक्सईएन से अंतिम जांच करवाई गई। मार्च 2025 में सौंपी गई जांच रिपोर्ट में कहा गया कि: सड़क और नाली निर्माण में ₹63,000
शिव मंदिर तालाब के पास चबूतरे के निर्माण में ₹41,000 क्रॉस नाली पर ड्रिप जाल के नाम पर ₹30,000 पंचायत घर निर्माण में ₹72,500
का फर्जी भुगतान दर्शाया गया।
जिम्मेदारों ने निभाई लापरवाही
जांच कमेटी ने स्पष्ट किया कि ग्राम प्रधान राम रोशनी, पंचायत सचिव अभिषेक और अवर अभियंता हर्षित अग्रवाल ने अपने दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन नहीं किया। इनकी लापरवाही से कुल ₹2,06,375 का सरकारी धन दुरुपयोग हुआ।
डीएम के निर्देश पर बर्खास्तगी और विभागीय कार्रवाई
जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने कहा कि वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि होने पर ग्राम प्रधान को पद से हटाया गया है। डीपीआरओ कमल किशोर ने जानकारी दी कि पंचायत सचिव और जेई पर विभागीय कार्रवाई के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।