जानकारी अनुसार किरनापुर विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम पीपलगांव के लोढ़ांगी चौकी के पीछे घने जंगलों की आड़ में भी अवैध ईट भट्टे का कारोबार जमकर फल फूल रहा है। जिसकी प्रशासन को भनक तक नहीं है। वहीं भट्टा संचालकों द्वारा खनिज विभाग से अनुमति की बात पूछने पर कहा जाता है की ईंट भट्टे के संचालन के लिए किसी प्रकार की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। यह कार्य वह वर्षों से करते आ रहे हैं। लेकिन आज तक किसी भी विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं की गई तो अब अनुमति की आवश्यकता क्यों पडऩे लगी।
ईंट भट्टा संचालित होने के बाद बंजर हो जाता है, खेत कई जगहों पर ईंट भट्टे के लिए बड़े-बड़े वृक्षों को काटा जाता है। इन अवैध ईंटों को पकाने के लिए अधिकांश जगहों पर अवैध कोयला खरीदी कर इसका उपयोग ईंट भट्टा संचालकों द्वारा किया जाता है। ईंट भट्टा संचालित होने के बाद खेत की जमीन बंजर हो जाती है। इसके बाद उस जमीन पर कोई फसल भी नहीं होती है।
विभाग पर उठ रहे सवाल
भट्टा संचालकों द्वारा यह भी कहा जाता है की विभाग के अधिकारियों से लेन देन के बाद ही वे भट्टे का संचालन कर रहे है। विभाग के अधिकारियों को भी क्षेत्र में चल रहे भट्टें की जानकारी है। लेकिन प्रशासन के राजस्व को नुकसान पहुंचाते हुए अधिकारियों द्वारा भी अवैध भट्टा मालिकों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जबकि इन अवैध भट्टा संचालकों द्वारा लाखों की मात्रा में र्ईट बनाकर व्यवसाय किया जा रहा है।
आपके द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया है। अगर कोई व्यक्ति बिना अनुमति के ईट भट्टे का संचालन करता पाया जाता है, तो जांच उपरांत कार्रवाई की जाएगी।
पूर्णिमा भगत, तहसीलदार किरनापुर