यह है स्थिति
चिकित्सकों के अनुसार ओपीडी में बीपी, शुगर, हार्ट व दिमाग संबंधी बीमारियां व लकवा आदि क्रोनिक डिजीज के मरीजों की संया करीब 15 से 20 प्रतिशत है। इसके अलावा करीब 20 से 25 प्रतिशत मरीज श्वसन संबंधी बीमारियां, टीबी, अस्थमा व सीओपीडी और गैस, पेट व लिवर संबंधी बीमारियों के करीब 10 से 15 प्रतिशत मरीज इलाज के लिए अस्पताल आ रहे हैं।वहीं, उल्टी-दस्त व बुखार के मरीजों की संया अभी करीब 2 से 4 प्रतिशत है। लेकिन आगामी दिनों में गर्मी बढ़ने के साथ मरीजों की संया में इजाफा हो सकता है।
ये बरतें सावधानियां
गर्मी के मौसम में पर्याप्त मात्रा में पीनी पिएं और लिक्विड पदार्थों का सेवन अधिक करें। घर से निकलते समय पीने पीकर निकलें। इसके अलावा तेज धूप में आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलें। इस दौरान सिर को ढककर रखें। खासतौर से छोटे बच्चों को तेज धूप से बचाकर रखें।स्कूल जाते समय उनको पानी की बोतल आवश्यक रूप से दें। ताकि थोड़ी-थोड़ी देर बाद पानी पीते रहने से खुद को हाइड्रेट रख सकें। साथ ही खानपान में भी सावधानी रखें। -डॉ. विष्णु गोयल, चेस्ट फिजिशियन, सामान्य अस्पताल, अलवर