पत्नी काजल सुरक्षित
इस दल में शामिल भावनगर के कालियाबीड़ क्षेत्र निवासी यतीश परमार, पत्नी काजल और पुत्र स्मित शामिल थे। पिता-पुत्र मंगलवार को आंतकी हमले के बाद से लापता बताए गए थे। बुधवार सुबह पिता-पुत्र की मौत की सुरक्षा बलों ने पुष्टि की। काजल सुरक्षित पाई गई हैं। आतंकी हमले में मृत यतीश भावनगर में हेयर कटिंग सलून, होटल व्यवसाय से जुड़े थे। उनका पुत्र स्मित 11वीं कक्षा में पढ़ रहा था।बुजुर्ग विनु को हाथ में लगी गोली
आतंकी हमले में भावनगर के बुजुर्ग विनु डाभी को हाथ में गोली लगी, उनका इलाज किया जा रहा है। वहीं, 17 अन्य लोग सुरक्षित हैं।श्रीनगर में मोरारी बापू ने कथा रोकी
पहलगाम में आतंकी घटना के बाद मोरारी बापू ने राम कथा रोक दी। उन्होंनेे घटना की निंदा की। साथ ही सुरक्षा कारणों से कथा को विश्राम देते हुए घटना में मृत लोगों को श्रद्धांजलि दी। वहीं, घायलों के जल्दी स्वस्थ होने की प्रार्थना की। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपए की सहायता की भी घोषणा की। यह राशि स्थानीय प्रशासन को सौंपी जाएगी।आतंकी हमला मानवता के लिए कलंक : वाघाणी
भावनगर. भावनगर पश्चिम के विधायक जीतू वाघाणी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला अत्यंत निंदनीय और मानवता के लिए कलंक है। सोशल मीडिया एक्स पर उन्होंने कहा कि इस कायराना हमले में उनके भावनगर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के कालियाबीड़ निवासी यतीश परमार और पुत्र स्मित परमार के दु:खद निधन से वे व्यथित हैं।उन्होंने कहा कि यह असामयिक वियोग समग्र समाज के लिए असहनीय है। दुःख की इस घड़ी में भावनगर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र और पूरा भारत देश परमार परिवार के साथ पूरी मजबूती से खड़ा है।
राजकोट के 9 लोग फंसे, सभी सुरक्षित
राजकोट. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद राजकोट के 9 लोग फंस गए। जिला कलक्टर कार्यालय के अनुसार यह 9 लोग राजकोट से जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर गए।जानकारी के अनुसार इनमें से ऋषिबेन नकुम, कुलदीपसिंह नकुम, राजदीपसिंह वाघेला और पत्नी वैशाली वाघेला सहित 4 लोग श्रीनगर के एक होटल में सुरक्षित हैं। ये सभी दो दिन बाद हवाई जहाज से लौटेंगे। वहीं, जयदीपसिंह पारेख, नीता पारेख, महेंद्र मेहता और पत्नी मयूरी मेहता सहित 4 अन्य लोग भी श्रीनगर में सुरक्षित हैं और दो दिन में गुजरात के लिए रवाना होंगे। इनके अलावा एक युवक हेत माकड़ भी अपने दोस्तों के साथ जम्मू-कश्मीर घूमने गया था और अब वह सुरक्षित बताया जा रहा है।
जिला कलक्टर प्रभव जोशी और अतिरिक्त कलक्टर सहित डिजास्टर विभाग की टीम लगातार जम्मू-कश्मीर में फंसे लोगों और राजकोट में उनके परिजनों से संपर्क में है। कलक्टर के आदेश पर अधिकारियों को तुरंत फंसे हुए लोगों के घर भेजा गया और उन्हें आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया गया।