scriptजीवन में कर्तव्य-अकर्तव्य का बोध आवश्यक : आचार्य महाश्रमण | Awareness of duty and non-duty is essential in life: Acharya Mahashraman | Patrika News
अहमदाबाद

जीवन में कर्तव्य-अकर्तव्य का बोध आवश्यक : आचार्य महाश्रमण

वाव में प्रवचन पालनपुर. बनासकांठा जिले के वाव में प्रवास के दौरान श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्म संघ के आचार्य महाश्रमण ने रविवार को कहा कि जीवन में कर्तव्य-अकर्तव्य का बोध आवश्यक है।वाव के वर्धमान समवसरण में आचार्य ने कहा कि हमारे जीवन में कर्तव्य व अकर्तव्य का बोध होना हितकारी होता है। इस बोध […]

अहमदाबादApr 20, 2025 / 10:41 pm

Rajesh Bhatnagar

वाव में प्रवचन

पालनपुर. बनासकांठा जिले के वाव में प्रवास के दौरान श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्म संघ के आचार्य महाश्रमण ने रविवार को कहा कि जीवन में कर्तव्य-अकर्तव्य का बोध आवश्यक है।
वाव के वर्धमान समवसरण में आचार्य ने कहा कि हमारे जीवन में कर्तव्य व अकर्तव्य का बोध होना हितकारी होता है। इस बोध के अभाव में व्यक्ति पतन व अनिष्टता की ओर चला जाता है। व्यक्ति को सदा कर्तव्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए। माता-पिता का कर्तव्य होता है कि वे बच्चों को अच्छे संस्कार दें व उन्हें धर्म की ओर प्रेरित करें। ज्ञान प्राप्ति के लिए बच्चों को स्कूल भेजा जाता है। ज्ञानशाला भेजकर उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने में भी सहयोग देना चाहिए। बच्चों का भी माता पिता के प्रति कर्तव्य होता है कि वे विनयशील रहें व जरूरत पड़ने पर उनकी सेवा करें। अध्यापक व विद्यार्थी के बीच भी दोनों ओर से कुछ कर्तव्य होते हैं।
उन्होंने कहा कि जहां आदान प्रदान होता है वहां कुछ कर्तव्य भी होते हैं। जहां निष्पक्षता का अभाव हो व स्वार्थ का भाव हो, वहां हिंसा का होना भी संभव है। देश के नेता का यह कर्तव्य होता है कि वह जनता की सेवा करें व जनता का कर्तव्य है कि वह टैक्स की चोरी न करें, कानून का अनुसरण करें।

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