Kaise Pahchane Bhumi Dosh: वास्तु शास्त्र के अनुसार जमीन खरीदने से पहले उसकी शुद्धता की जांच कराना जरूरी है, क्योंकि भूमि दोष वाली जमीन पर बने मकान में अशांति रहती है, व्यापार और नौकरी में बाधा होती है, विचित्र घटनाएं घटती हैं, रहने वाला सुखी नहीं रहता है तो वास्तुविद डॉ. अनीष व्यास से जानते हैं कैसे पहचानें भूमि दोष, जमीन में दोष कैसे पता करें और भूमि दोष निवारण उपाय यानी भूमि दोष कैसे दूर करें (bhumi dosh nivaran) ..
Kaise Pahchane Bhumi Dosh: जयपुर के वास्तु विशेषज्ञ डॉ. अनीष व्यास के अनुसार भूमि या भवन खरीदने से पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि बिना विचार किए भूमि खरीदने से कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
भूमि या भवन खरीदते समय आपको कुंडली भी अवश्य दिखानी चाहिए, क्योंकि कुंडली में शनि और गुरु की स्थिति से पता चल जाता है कि ली जाने वाली जमीन आपके लिए कैसी रहेगी।
भूमि दोष के ये हैं लक्षण (Bhumi Dosh Ke Lakshan)
अगर भूमि पर कांटेदार वृक्ष, पेड़-पौधे स्वयं उगे हुए हैं तो समझ जाइए भूमि जागृत अवस्था में नहीं है। ऐसी जमीन को खरीदने से आपके जीवन में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
जमीन पूरी तरह से बंजर है और उसके आसपास की जगह हरी-भरी है तो ऐसी जमीन को खरीदने से भी आपको बचना चाहिए। भूमि दोष के कारण ही भूमि बंजर रहती है। ये भी पढ़ेंः
1.वास्तु विशेषज्ञ डॉ. अनीष व्यास के अनुसार भूमि में एक गड्ढा खोदें और उसमें पानी भर दें। वहां से पूर्व दिशा की ओर 100 कदम चलें। यदि गड्ढे का पानी पूरा है, तो भूमि बहुत ही अच्छी है। यदि आधा शेष है तो भूमि मध्यम फल देने वाली है। यदि पानी पूरी तरह से सूख जाए तो भूमि व्यक्ति के लिए भाग्यशाली नहीं है।
2. इसके अलावा मिट्टी का रंग भी पहचान करने का अच्छा तरीका माना जाता है। भूमि की मिट्टी यदि पीली या सफेद है, तो वह बेहतर मानी जाती है। यदि लाल वर्ण की है, तो मध्यम और काले वर्ण की है, तो इसे दोषपूर्ण माना गया है।
3. वास्तु विशेषज्ञ डॉ. अनीष व्यास के अनुसार भवन के लिए भूमि खरीदते समय ध्यान रखें कि उसके दक्षिण-पश्चिम में गड्ढे, तालाब अथवा नदी आदि न हों, ऐसी जगह धन हानि का कारण बनती है। जिस भूमि पर छोटे-छोटे अनेक गड्ढे हों, वास्तु के अंतर्गत वह भूमि भी अशुभ कही गई है। ऐसी भूमि को त्यागना ही सही माना जाता है।
4. ऐसी भूमि जिस पर जल्दी अग्नि न जले या जलकर बुझ जाए, वह कभी फलदायी नहीं होती। जिस भूमि पर खड़े होने पर मन में बेचैनी या उद्विग्नता महसूस हो, वह भूमि भाग्य का नाश करने वाली होती है।
5. वास्तु विशेषज्ञ डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि कई बार भूखंड पर बहुत पुराने वृक्ष होते हैं। वास्तु के अनुसार ऐसा भूखंड भी निवास के लिए अयोग्य होता है। 6. जिस जमीन की नींव खोदते वक्त कोयला और हड्डियां निकले, उस भूमि को अशुभ समझना चाहिए।
7. वास्तु विशेषज्ञ डॉ. अनीष व्यास के अनुसार भूमि दोष को कुछ लक्षणों से समझ सकते हैं। सबसे पहले वहां पर लगे पेड़-पौधे देखने चाहिए कि वहां पर किस प्रकार के पेड़-पौधे लगे हैं। यदि उस भूमि या प्लॉट में कांटे वाले पेड़ या फिर झाड़िया लगी हुई हैं तो इस प्रकार की भूमि जागृत अवस्था में नहीं होती है। ऐसी भूमि में निर्माण करने और निर्माण के बाद भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
1.वास्तु विशेषज्ञ डॉ. अनीष व्यास के अनुसार अपना मकान या कार्यस्थल ऐसी जगह न बनाएं और न ही खरीदें जिसके उत्तर-पूर्व दिशा में ऊंचे भवन या पर्वत अथवा पीपल का पेड़ हों। जिस भूखंड पर भवन बनाना हो, वहां कुछ दिनों के लिए गायों और बछड़ों को रखना चाहिए। उनके गोबर और मूत्र से वह भूमि शुद्ध हो जाती है।
2.वास्तु के अनुसार भूमि कितने ही दोषों से परिपूर्ण हों लेकिन इनके प्रभाव से उसके सभी दोष नष्ट हो जाते हैं। इस भूमि पर निवास करने वाले जातक के धन, सुखों और सौभाग्य में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी होती है।
2. वास्तु विशेषज्ञ डॉ. अनीष व्यास के अनुसार भूमिदोष वाले प्लॉट या फिर किसी जमीन की स्थिति ठीक न होने पर या फिर भूमि में किसी प्रकार का दोष है तो ऐसे में उस भूमि की डेढ़ से दो फीट पूरी मिट्टी यहां से निकाल कर बाहर फेंकवा देते हैं। इससे भूमि दोष क निवारण हो जाता है।
3. भूमिदोष के निवारण के लिए आपको हर साल विश्वकर्मा पूजा भी करवानी चाहिए। वास्तु शांति प्रकरण भी साल में एक बार जरूर करानी चाहिए, इससे भी भूमि दोष से मुक्ति मिलती है। 4. भूमि दोष को दूर करने के लिए आपको वास्तु शांति करवानी चाहिए। अगर आप साल में एक बार भी घर में वास्तु शांति करवाते हैं तो भूमि से जुड़े कई दोष दूर हो जाते हैं।
5. अगर आप भूमि को डेढ़ या दो फिट खुदवाते हैं और इसकी मिट्टी को कहीं दूर फिंकवा देते हैं, तो वास्तु के अनुसार भूमि दोष दूर हो जाता है। 6. भूमि दोष को दूर करने के लिए आपको केले, तुलसी आदि के पौधे जमीन पर लगाने चाहिए।
7. भूमि दोष से बचने के लिए घर में काले और लाल रंग का प्रयोग कम करना चाहिए। 8. हनुमान चालीसा, दुर्गा सप्तशती और गीता का घर में पाठ करने से भी भूमि दोष दूर होने लगता है।