फर्जी दस्तावेज बनाकर निजी कर ली संपत्ति
जिले में वक्फ संपत्तियों को लेकर कई मामले सामने आ रहे है। वक्फ संपत्तियों से जुड़े लोग ही बता रहे हैं कि शहर में अधिकांश वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण और अवैध कब्जे है। कई वक्फ संपत्तियों के फर्जी दस्तावेज बनाकर संपत्ति निजी बताकर बेच दी गई है। पिछले दिनों मदार गेट वक्फ संपत्ति को लेकर एफआइआर दर्ज हो चुकी है। मदार गेट जैसी अन्य वक्फ संपत्तियों भी हैं जहां वक्फ नियमों का पालन नहीं हुआ है।
वक्फ भूमि मुक्त कराने को सिखी उर्दू, आठ साल से लड़ रहे लड़ाई
वक्फ संपत्तियों को लेकर बसंत विहार निवासी मनल चौधरी आठ साल से लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने वक्फ से जुड़ी संपत्तियों के लिए लगातार आरटीआई लगा रहे हैं। मिनल बताते हैं कि ग्यास के बाड़े की 1.450 हेक्टयर भूमि दरगाह महबूब शाह कब्रिस्तान की है। यहां पर 104 परिवारों का जमीन विक्रय कर दी गई है। वक्फ की भूमि से जुड़ी एक कॉलोनी भी काट दी है। उन्होंने जमीन वक्फ ट्रिब्यूनल में केस लगा रखा है। ट्रिब्यूनल में सारे काम उर्दू में होते हैं, इसलिए उर्दू भी सिखी। मिनल के मुताबिक वक्फ की अधिकांश संपत्तियां वक्फ बोर्ड में रजिस्टर्ड है लेकिन यह संपत्ति धर्मस्व, कलेक्टर व नगर निगम में रजिस्टर्ड नहीं है। वक्फ का नया कानून बनने से वक्फ एक्ट की धारा 40 खत्म हो गई है। इस धारा में प्रावधान था कि कोई दो मुस्लिम व्यक्ति किसी भूमि को वक्फ की होने का दावा होने भर में कलेक्टर को 48 से 72 घंटे में संबधित को काबिज कराना होता थ। अब नए कानून में इसके लिए दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
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-जूना सोमवारिया में वक्फ की जमीन पर अवैध कॉलोनी काट दी गई।
-रेलवे स्टेशन पर दरगाह की भूमि। -आगर रोड पर अहमद नगर कॉलोनी के वक्फ की जमीन पर विकसित करने की शिकायत। -नीलगंगा में छुमछुम दरगाह की जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत।
-हरिफाटक ब्रिज के नीचे वक्फ की जमीन पर कब्जे व अवैध निर्माण की शिकायत। (जैसा कि आरटीआई कार्यकर्ता मिनल चौधरी ने बताया) उज्जैन जिले में वक्फ की 1058 संपत्तियां है। इनमें 90 फीसदी में अतिक्रमण व कब्जे हैं। इनसे होने वाली आय भी नाममात्र की है। नए कानून के बाद इनका सर्वे कर स्थिति साफ होगी। वक्फ की आय में इजाफा भी होगा। – डॉ. सनवर पटेल, अध्यक्ष मप्र वक्फ बोर्ड, भोपाल