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उदयपुर

टाउनहॉल पार्किंग पर अब नहीं बन पाएगा पार्क !

टेस्टिंग में पार्क के लिए मनाही नहीं की लेकिन हरी झंडी भी नहीं दी, कॉलम के तारों पर बता दिया जंग, पार्किंग के ऊपर पार्क बनाने का जनता से किया निगम ने छलावा

उदयपुरMar 02, 2025 / 01:08 am

अभिषेक श्रीवास्तव

टाउनहाॅल पार्किंग की छत पर पार्किंग के लिए टे​स्टिंग के लिए डाली मिट्टी

उदयपुर. नगर निगम कार्यालय के सामने नेहरू बाल उद्यान में शर्त के साथ तोड़े गए हाथी पार्क पर बनी पार्किंग के ऊपर वापस पार्क का निर्माण होने में संशय है। जोधपुर की यूनिवर्सिटी ने टे​स्टिंग कर अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि पार्किंग स्थल की छत तो ठीक है लेकिन निरंतर सीलन के कारण कुछ कॉलम में तारों में जंग लग चुका है, उनकी मजबूती खत्म होती जा रही है। इस काम में एक्सपर्ट की राय ली जानी चाहिए। हालांकि पार्क बनाने के लिए इस रिपोर्ट में स्पष्ट मनाही नहीं की गई लेकिन तकनीकी खामी बताकर फिर पेंच फंसा दिया।
पार्किंंग निर्माण के दौरान निगम अधिकारियों ने शर्त रखी थी कि पार्किंग के साथ ही पार्क डवलप करेंग लेकिन निर्माण एजेंसी ने शर्त पूरी नहीं की। शर्त का उल्लंघन करने पर सिविल इंजीनियर विकास भेरविया ने राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी बनाम राज्य सरकार प्रकरण में पारित निर्णय के आधार पर जनहित याचिका पेश की। जिसमें नगर निगम की ओर से प्रस्तुत तथ्यों, मास्टर प्लान एवं गुलाब कोठारी बनाम राज्य सरकार मामले में पारित निर्णय के विपरीत बताया। कोर्ट ने इस पर निगम से पार्क को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। निगम ने तकनीकी विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर यहां पार्क बनने की सहमति की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी।

छह साल पहले बनी थी पार्किंग

शहर में पार्किंग के स्थान की कमी के चलते वर्ष 2013 में इस महत्वाकांक्षी योजना का काम शुरू हुआ। इसकी जिम्मेदारी रिडकोर कंपनी को दी गई थी, उसने यह ठेका अहमदाबाद की कंपनी को दिया, जिसने 14 करोड़ की लागत से 6 साल पहले पार्किंग बनाई। घटिया निर्माण सामग्री के चलते यह जगह-जगह से दरक गई तो छत में लीकेज आ गए। सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खराब हो गए। अभी भी वहां दिन रात मोटर चलाकर पानी खाली किया जाता है।

शर्त के साथ तोड़ा था हाथी पार्क, अब मुकर गए

उदयपुर में प्रसिद्ध नेहरू बालोद्यान का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिय़ा ने 23 फरवरी 1966 को किया था। इसमें हरे भरे वृक्षों के साथ बच्चों के खेलने के लिए कई छोट-बड़े झूले व राइड लगे हुए थे। आम जनता में खासकर बुजुर्ग व बच्चों के लिए घूमने का यह प्रमुख स्थान था,लेकिन बाद में इस पार्क में मास्टर प्लान के विपरीत कई परिवर्तन कर दिए गए। ऊंट वाला पार्क खत्म कर दिया। हाथी पार्क में पार्किंग इस शर्त पर बनाई कि वहां भूमिगत पार्किंग के बाद ऊपर खूबसूरत पार्क बनाया जाएगा लेकिन उसे नजर अंदाज कर दिया।
– 2013 में हाथी वाला पार्क हटाया था

– 2 अक्टूबर, 2013 को नगर निगम ने भूमिगत पार्किंग के लिए आधारशिला रखी

– 16 अक्टूबर, 2013 को पार्क में बच्चों के मनोरंजन के लिए लगी फिसलपट्टी, झूलों को ध्वस्त किया गया।
– 17 अक्टूबर, 2013 को हाथी को ध्वस्त कर पार्क को पूरी तरह से समतल कर दिया।

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