Posani Murali Krishna Controversy: मनोरजन जगत से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है। खबरों की मानें तो साउथ सिनेमा के दिग्गज कलाकार (एक्टर) और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के पूर्व नेता पोसानी कृष्ण मुरली को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया है।
एक्टर पर आरोप लगा है कि उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण और आईटी मंत्री नारा लोकेश के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है। इस मामले पर बड़ी कार्रवाई करते हुए आंध्र प्रदेश सीआईडी की टीम ने उन्हें मंगलवार, 18 मार्च को हिरासत में ले लिया है।
सीआईडी के गिरफ्त में एक्टर
सीआईडी ने एक्टर को जेल से ही हिरासत में ले लिया। क्योंकि गुंटूर के छठे अतिरिक्त जूनियर सिविल जज ने सोमवार को पोसानी को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। गत 26 फरवरी को हैदराबाद से गिरफ्तारी के बाद से ही वह जेल में हैं।
Posani Murali Krishna arrested जेल से पोसानी को हिरासत में लेने के बाद सीआईडी ने उन्हें मेडिकल जांच के लिए गुंटूर के सरकारी जनरल अस्पताल में भर्ती कराया। बाद में उन्हें पूछताछ के लिए सीआईडी कार्यालय ले जाया गया।
अभिनेता को विभिन्न थानों में उनके खिलाफ दर्ज कई मामलों में जमानत मिल गई है, लेकिन पिछले सप्ताह सीआईडी द्वारा उन्हें कैदी ट्रांजिट (पीटी) वारंट पर कुरनूल से गुंटूर लाए जाने और अदालत में पेश किए जाने के बाद जेल में रखना पड़ा, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
सीआईडी ने पिछले साल अक्टूबर में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के एक नेता की शिकायत पर पोसानी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आंध्र प्रदेश फिल्म विकास निगम के अध्यक्ष रह चुके पोसानी पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 111, 196, 353, 299, 341 और 336 (3) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
हैदराबाद से 26 फरवरी को गिरफ्तारी के बाद पोसानी को अन्नामय्या जिले में ले जाया गया था, जहां उनके खिलाफ समाज के विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी पैदा करने की कोशिश करने का मामला दर्ज किया गया। उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
बाद में, अभिनेता को अदोनी पुलिस द्वारा दर्ज एक मामले में पीटी वारंट पर कुरनूल ले जाया गया। उन्हें कुरनूल की जेल में स्थानांतरित कर दिया गया और बाद में एक अन्य मामले में पीटी वारंट पर विजयवाड़ा लाया गया।
हालांकि, अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी, लेकिन सीआईडी द्वारा पीटी वारंट के लिए अदालत में जाने के कारण उनकी रिहाई नहीं हो सकी। वाईएसआरसीपी ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली सरकार ने “राजनीतिक प्रतिशोध” के कारण पोसानी के खिलाफ 17 मामले दर्ज किए।
विपक्षी दल ने एनडीए सरकार पर उन्हें कानूनी राहत से वंचित करने की “साजिश” का आरोप लगाया। उसने कहा कि पुलिस ने पूर्व राजनेता की गिरफ्तारी के बाद उनके खिलाफ पूरे राज्य में मामले दर्ज किए और जमानत में बाधा डालने के लिए “जानबूझकर यह छिपाया” कि मामले कहां-कहां दर्ज किए गए हैं।
वाईएसआरसीपी ने कहा कि सरकार ने प्रत्येक मामले में पीटी वारंट मांगा, जिसके कारण पोसानी को हैदराबाद से राजमपेट होते हुए विजयवाड़ा, फिर नरसारावपेट, गुंटूर, कुरनूल जिले के अदोनी, विजयवाड़ा के सूर्यरावपेट, कुरनूल और अंत में गुंटूर ले जाया गया।
विपक्षी दल ने कहा कि 67 साल की उम्र और दिल तथा अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होने के बावजूद पुलिस ने पोसानी को परेशान किया, जो कथित तौर पर उनकी हालत खराब करने की सरकारी रणनीति का हिस्सा था।