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टीकमगढ़

तेरह साल में खंडहर हो गई रेल पटरी के ऊपर बनाई गई पुल की दीवार

रेल पटरी के ऊपर चकरा से नारगुडा का

टीकमगढ़Mar 04, 2025 / 12:38 pm

akhilesh lodhi

रेल पटरी के ऊपर चकरा से नारगुडा का

रेल पटरी के ऊपर चकरा से नारगुडा का

उबड़ खाबड़ हुई दोनों पुलों की सडक़, गिर गए दीवार के कई हिस्से

टीकमगढ़. ललितपुर सिंगरौली रेल मार्ग के ऊपर बनाए गए पुल की स्थिति कमजोर दिखाई देने लगी है। दोनों पुलों के ऊपर सुरक्षा के लिए बनाई गई दीवार के कई हिस्से ढह गए है। उसकी बीच की सडक़ भी उबड़ खाबड हो गई है। हालांकि रेल प्रबंधन ने रेल पटरी के ऊपर लोहे की जाली लगा दी है। सबसे ज्यादा परेशानी यहां से निकलने वाले लोगों को हो रही है।

ललितपुर सिंगरौनी रेल लाइन का निर्माण वर्ष २०१२ में पूर्ण हो गया था। यह नारगुडा और श्रीनगर गांव के मध्य से निकाली गई है। इन गांव के लोगों की आवाजाही के लिए रेल पटरी के ऊपर से पुल निर्माण किया गया है। लेकिन यह पुल इन दिनों खंडहर हो गए है। जिनके ऊपर से निकलना खतरे से कम नहीं है। इनकी दीवारों में सीमेंट के साथ लगाए पत्थर रेल पटरी की ओर गिर रहे है। इस लाइन पर इन दिनों आधा दर्जन से अधिक ट्रेने दौड़ रही है।
कई हिस्सों में गिर गई दीवारे
नारगुडा से श्रीनगर जाने वाले रामभरोसे अहिरवार और प्रीतम सौर ने बताया कि रेल पटरी के ऊपर बनाए गए पुल को१३ साल से अधिक हो गया है। रेल पटरी की ओर सुरक्षा बनी रहे, इसके लिए दोनों ओर पत्थर और सीमेंट की दीवार निर्माण थी, लेकिन यह दीवार कई हिस्सों में गिर गई है। चकरा से नारगुडा जाने वाले घनश्याम पाल ने बताया कि रेलवे स्टेशन के नजदीक कचरा का रेलवे पुल है। कुछ साल पहले ज्यादा खराब था। जिम्मेदारों ने एक तरफ सीसी और दीवार निर्माण कर दी है और नारगुडा की ओर छोड़ दी है।
वर्ष २०१२ में रेल पटरी का पूर्ण हो गया था निर्माण कार्य
पूर्व रेल उपयोगकर्ता परामर्श दात्री समिति सदस्य झांसी मंडल के विकास यादव ने बताया कि ललितपुर सिंगरौली रेल परियोजना की मांग को लेकर आंदोलन वर्ष 1955 से शुरू हुई थी। वर्ष 1991 में खजुराहो में रेल लाइन की आधारशिला रखी गई थी। वर्ष 1998 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी और रेल मंत्री शिलान्यास किया था। टीकमगढ़ तक रेलवे लाइन का निर्माण वर्ष 2012 में हो गया था। 26 अप्रेल 2013 को रेलवे सेवाओं से जुड़ा था। 16 जनवरी 2014 को छतरपुर रेलवे स्टेशन पर पहला रेल इंजन दौड़ाया गया था।
इनका कहना
ऐसे निर्माण कार्यों की जानकारी निर्माण एजेंसी और अधिकारियों को दी जाएगी। ऐसे कार्यों का सुधार कराने के लिए पत्र भेजा जाएगा। जिससे ग्रामीणों को असुविधा का सामना नहीं करना पड़े।
मनोज सिंह, पीआरओ मंडल झांसी।

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