Sikar: पिता को डायलिसिस पर ले जाती, जॉब करती, सेल्फ स्टडी से दूसरे प्रयास में ही सीकर की बेटी बनी IAS
Rekha Sihag UPSC rank 176: वे सीकर जिले के लक्षमणगढ़ इलाके के गांव घाणा की रहने वाली हैं। सीकर के ही एक निजी स्कूल में कक्षा तीन से लेकर बारह तक हिंदी मीडियम में पढ़ाई की है। उसके बाद जेईई के लिए तैयारी की और उसमें सफल हुई।
Rekha Sihag IAS success story: सिविल सेवा परीक्षा में राजस्थान के सीकर जिले के एक ग्रामीण इलाके में रहने वाली युवती ने भी सफलता हासिल की है। रेखा सिहाग जो पहले प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंची थी, लेकिन बाहर हो गई थी। इस बार दूसरे प्रयास में इंटरव्यू भी क्लीयर किया और सफलता को अपने आगे झुकाते हुए वे अफसर बन गई। रेखा सिहाग को 176वीं रैंक मिली है।
रेखा की सफलता की कहानी भी संघर्ष से भरी हुई रही है। उनके पिता एलआईसी एजेंट हैं, लेकिन कुछ समय से किडनी की बीमारी के कारण परेशान हैं और उनको नियमित तौर पर डायलिसिस कराना होता है। इस बीच रेखा ने सब काम करते हुए मेहनत जारी रखी और अब वे अफसर बन गई हैं। वे सीकर जिले के लक्षमणगढ़ इलाके के गांव घाणा की रहने वाली हैं। सीकर के ही एक निजी स्कूल में कक्षा तीन से लेकर बारह तक हिंदी मीडियम में पढ़ाई की है। उसके बाद जेईई के लिए तैयारी की और उसमें सफल हुई।
यह भी पढ़ें : ब्रेल लिपि की मदद लिए बिना दृष्टि बाधित युवा दूसरे ही प्रयास में ऐसे बना IAS जेईई के बाद जयपुर के एमएनआईटी से बीटेक की डिग्री ली और फिर एक एमएनसी कंपनी में जॉब भी की। लेकिन इस दौरान लगातार अफसर बनने के लिए प्रयास करती रहीं। साल 2023 में पहले ही प्रयास में वे परीक्षा तो क्लीयर कर गई, लेकिन इंटरव्यू में रह गई। उसके बाद दूसरे प्रयास में इंटरव्यू भी क्लीयर कर लिया और अब अपने गांव की पहली आईएएस बन गई हैं। परिवार में जश्न मनाया जा रहा है।
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