सतना स्टेशन से प्रतिदिन 125 ट्रेनें गुजरती हैं। लगभग सवा लाख यात्री सफर करते हैं। स्टेशन पर भी प्रतिदिन करीब 15 हजार लोगों की आवाजाही रहती है। होली के बाद भी भीड़ कम नहीं हुई, जिससे चोरों को अवसर मिल रहे हैं। चोरों की नजर खासतौर पर मोबाइल, लैपटॉप और महिलाओं के पर्स पर रहती है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि चोरी करने वाले आधे से ज्यादा अपराधी पहले भी पकड़े जा चुके हैं, फिर भी बेखौफ घूम रहे हैं।
यह भी पढ़े – नर्सिंग घोटाले पर बड़ा एक्शन, 70 डॉक्टर-नर्सिंग स्टाफ को नोटिस, प्राचार्य को पद से हटाया जीआरपी की दलील- मोबाइल चोरी के कारण आंकड़े बढ़े
ट्रेनों और रेलवे स्टेशन में बढ़ती चोरी की घटनाओं को लेकर जीआरपी ने सफाई दी है। जीआरपी प्रभारी राजेश राज ने बताया कि मोबाइल गुम होने और चोरी की रिपोर्टों के कारण अपराध के आंकड़ों में इजाफा दिखाई दे रहा है। उनके मुताबिक, हर महीने करीब 30 से 35 मामले दर्ज हो रहे हैं। इस साल अब तक हुई कुल चोरी की घटनाओं में से 90 प्रतिशत मामलों का खुलासा किया जा चुका है। बीते तीन माह में 30 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से चोरी गया सामान भी बरामद किया गया है। हालांकि, कुछ मामलों का खुलासा अभी नहीं हो पाया है, जिन लिए टीम लगातार प्रयासरत है।
रेलवे स्टेशन क्षेत्र में चोरी और लूट की सबसे ज्यादा घटनाएं जबलपुर एंड पर नजीराबाद और प्रयागराज एंड पर मुख्त्यारगंज से बगहा के बीच होती हैं। आउटर पर 24 घंटे पेट्रोलिंग नहीं होने से चोर-लुटेरे आसानी से ट्रेनों में चढ़ जाते हैं और वारदात कर उत्तर जाते हैं। स्टेशन के पहले ट्रेन की रफ्तार धीमी होने का फायदा उठाते हैं। अक्सर यात्री स्टेशन आने से पहले ही बैंग गेट पर रख देते हैं, जिसे लुटेरे झपटकर फरार हो जाते हैं। बीते माह दो लूट की घटनाएं हुई, जिनके आरोपी बाद में पकड़े गए। सुरक्षा इंतजामों की कमी सवालों में है।