मजदूर न मिलने पर पहले पंचायतें फर्जीवाड़ा कर कार्य पूरा करा लेती थीं, लेकिन अब इसके लिए भी सख्त नियम बना दिए गए हैं। मजदूरी करने वाले मजदूरों के सुबह और शाम फोटो खींचकर पोर्टल पर अपलोड करने पड़ते हैं। इसके बाद ही मजदूरी खातों में डाली जाती है।
जनपद उपाध्यक्ष अमरप्रताप ङ्क्षसह ने बताया कि मजदूरों के कारण काम प्रभावित होने की बात हर बार समीक्षा बैठक में सामने आती है। कई पंचायतों में काम अधूरे पड़े हैं। काम पूरे कराने के लिए अधिकारियों को प्रयास करने होंगे।
मनरेगा के तहत मजदूरों की समस्या आ रही है और काम धीमी गति से होने के कारण समय पर पूरे नहीं हो पाते हैं। समय पर काम कराने के लिए लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
एसएल कुरेले, सीइओ, जनपद पंचायत, बीना