मिली जानकारी के अनुसार इन ठंडा पेय पदार्थों में केमिकल मिला रहता है। जिसके सेवन से लोगों के सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। इन ठंडा पेय पदार्थों के मानकों का किसी प्रकार से कोई भी जांच नहीं हो रही है। जांच होने पर सेहत से खिलवाड़ करने का बड़ा खुलासा हो सकता है।
गौरतलब है कि गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। जिले का तापमान 40 डिग्री पार है। गर्मी में प्यास बुझाने के लिए शीतल पेय पदार्थों के दुकानों पर खरीदारों की भीड़ देखी जा रही है। इन स्थानों पर आमरस से लेकर मट्ठा व लस्सी, कुल्फी, रंग बिरंगे आइसक्रीम सहित निम्न स्तर के सोडा वाटर,मिनरल वाटर के नाम पर अमानक स्तर के बोतलबंद पानी की बिक्री हो रहा है।
शहर सहित जिले के कई जगहों पर पानी पाऊच, पानी जार व बोतल की पैकिंग हो रही है। मिली जानकारी के अनुसार बिना मानक के इन जगहों पर पानी पाउच, बोतल व जार की बिक्री हो रही है। शहर के पेन्ड्री, कमला कालेज रोड, मोहारा, छुरिया व अन्य जगहों पर पानी बाउच, बोतल व जार की पैकिंग कर बेचा जा रहा है। इन जगहों पर फिल्टर पानी के नाम पर साधारण पानी की पैकिंग कर बिक्री की जा रही है। वहीं शहर में कुछ जगहों पर बर्फ बनाने की फैक्ट्री संचालित हो रही है।
अस्पतालों में लगातार बढ़ रहे मरीज
एक ओर जहां शीतल पेय पदार्थों की बिक्री बढ़ चुकी है। वहीं दूसरी ओर इन दिनों शीतल पेय के नाम पर सड़क किनारे खुले में धूल-प्रदूषण के बीच जो पेय पदार्थ की बिक्री हो रही है। इससे खुलेआम लोगो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा हैं। वर्तमान समय में लोग मौसमी बीमारी की चपेट में आ रहे है। जिसका कारण दूषित पेय पदार्थ है। लोग पीलिया, टाइफाइड, पेट से संबंधित गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। बावजूद इसके संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है।
केमिकल पेय पदार्थों की बिक्री
मिली जानकारी के अनुसार शहर सहित जिले में कई जगहों पर केमिकल वाले आम जूस व अन्य ठंडा पेय पदार्थो की बिक्री हो रही है। वर्तमान समय में फलो का राजा आम 110 से 120 रुपए किलो तक बिक रही है। वहीं बाजार में आम का जूस 20 से 25 रुपए प्रति गिलास में बिक रहा है। आम के मंहगा होने के बाद भी जूस सस्ता बिक रहा है। बताया जा रहा है कि मैंगो शेक में सिंथेटिक दूध का इस्तेमाल किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। वहीं बेल, मुसम्मी और गन्ने का रस बनाने में दुकानदार कई तरह की वस्तुएं मिलाते हैं, जिनमें केमिकल्स का भरपूर इस्तेमाल होता है। इसके अलावा फलों को पकाने में भी पोटाश, अमोनिया जैसे हानिकारक केमिकल्स को खूब लगाया जाता है। अमानक खाद्य समाग्रियों की जांच करने जिम्मेदार विभाग गंभीरता नहीं दिखा रहा है।
कुछ जगहों में अमानक स्तर के पानी पाऊच, जार व बोतल बेचने की शिकायत मिली है। टीम बना कर जांच की जाएगी। बिक्री सेंटरों में पहुंच कर इसकी जांच कर संबंधितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। – धर्मेन्द्र ध्रुव, अधिकारी खाद्य औषधि सुरक्षा विभाग