हर बार घटिया मरम्मत
कई जगह जर्जर मार्ग पर और दरारों को भरने संबंधित निर्माण एजेंसी मरम्मत कराती है। लेकिन गुणवत्ताहीन काम के चलते ज्यादा दिन टिक ही नहीं पाती है। महीनेभर में ही फिर रोड की हालत जर्जर हो जाती है। मार्ग में दरारें पड़ने लगती है। हालांकि हाईवे ऑथोरिटी के टैक्निकल अधिकारियों का कहना है कि सीसी रोड होने से बारिश में रोड के नीचे की मिट्टी सिकुड़ती है। जिसके कारण मार्ग में क्रेम्स आते है। इसी कारण दरारें पड़ती है। जिन्हें संबंधित निर्माण एजेंसी ठीक भी कराती है।बीस साल की गारंटी, पांच साल में ही जर्जर
दरअसल 1897 करोड़ की लागत से ब्यावरा से देवास तक करीब 141 किमी लंबे फोरलेन मार्ग का निर्माण वर्ष-2016 में शुरू हुआ था। जिसका काम वर्ष-2019 में पूरा होना था, लेकिन अनदेखी और लेटलतीफी के चलते वर्ष-2020 में जाकर पूरा हो पाया। ओरिएंटल कंपनी ने फोरलेन मार्ग का निर्माण कराया। उक्त मार्ग की बीस साल की गारंटी है। लेकिन अभी से जगह-जगह गड्ढे, दरारें और सीसी उखड़ने लगी है।पौधारोपण के नाम पर दिखावा
निर्माण दौरान भी कई खामियां मार्ग में रखी गई। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। जिसके कारण अब वाहन चालकों को परेशानी उठाना पड़ रही है। कुछ जगह ओवरब्रिज नहीं बनाए गए तो कुछ क्रांसिंग नहीं बनाई। जिसके कारण अब परेशानी होती है। साथ ही संबंधित निर्माण एजेंसी को मार्ग के दोनों तरफ और बीच में पौधारोपण कराना था। लेकिन पूरे मार्ग से हरियाली गायब है। जहां पौधे लगाए भी थे, वहां देखरेख नहीं होने से अब कुछ नहीं बचा है।फैक्ट फाइल
ब्यावरा-देवास फोरलेन मार्ग1897.4 करोड़ कुल लागत
141 किमी मार्ग की कुल लंबाई
2016 में शुरु हुआ था काम
2019 में पूरा करना था काम (सालभर बाद पूरा हुआ)
20 साल है गारंटी अवधि
वर्तमान स्थिति
-निर्माण के बाद से पड़ने लगी थी दरारें-हर बार घटिया मरम्मत कर झाड़ लेते पल्ला