Fraud News: ऐसे हुआ मामले का खुलासा
वर्ष 2013 से जतिन ने स्वयं और अपने परिवार के नाम से सरनजीत जीत व उनके बेटे से एलआईसी की कुल 13 पॉलिसी ली थी। इसकी किस्त वे जमा करते जा रहे थे। वर्ष 2024 में उन्हें इनकम टैक्स भरने के लिए पॉलिसी की रसीद की जरूरत पड़ी। वे बलबीर द्वारा दिए गए वर्ष 2022 और 2023 का पावती रसीद लेकर जीवन बीमा कार्यालय शाखा पंडरी पहुंचे और वर्ष 2024 का जमा पावती की रसीद की मांग की। उस समय अधिकारियों ने बताया कि उनकी पॉलिसी में बलवीर व सरनजीत ने कोई रकम जमा नहीं किया है। उनके द्वारा दिए रसीद को भी फर्जी बताया। इस तरह पीड़ित से 5 लाख 75304 रुपए की धोखाधड़ी की। इसी तरह आरोपियों ने बिजनेस में डबल मुनाफा देने का झांसा देकर नितिश वर्मा से 4 लाख 96 हजार, जगमोहन सिंह नागपाल से 5 लाख 93 हजार 649 रुपए, भूषण कुमार झोडे से 28 लाख 88 हजार 827 रुपए सहित कुल 45 लाख 53 हजार 780 रुपए धोखाधडी किया है। पीडि़तों की शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस ने मां-बेटे के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना व अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।
चेचिस से तीन नई बस बनाने का झांसा देकर 55 लाख ठगे
वहीं बैकुंठपुर में तीन चेचिस लेकर उसकी एसी बसों की बॉडी कंस्ट्र्कशन के नाम पर 55 लाख की ठगी के आरोपी को इंदौर से गिरफ्तार किया गया है। चर्चा है कि इंदौर के स्टार चौक के पास स्थित मोहम्मद वसीम पार्टनर आरके बॉडी बिल्डर न्यू रॉयल कोच एवं प्रगति कोच के नाम पर फर्जी फर्म बनाकर कई बस मालिकों से ठगी कर चुका है। पुलिस के मुताबिक मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी) निवासी मो. शोएब ने तीन चेचिस को स्लीपर एसी बस बॉडी निर्माण करने मो. वसीम निवासी इंदौर को फरवरी 2024 को दी थी।
वसीम ने 95 दिन में बस की बॉडी बनाकर देने का आश्वासन दिया था। करार में यह भी शर्त थी कि तय तिथि तक बस नहीं देने पर प्रतिदिन 13000 रुपए बतौर हर्जाना देगा। मो. शोएब ने तीन चेचिस और लोन लेकर दो किस्तों में 55 लाख भुगतान कर दिया। लेकिन मो. वसीम ने बस बॉडी बनाकर नहीं दी। आरोपी तबीयत खराब होने का हवाला देकर टालमटोल करता रहा।
हर्जाने की रकम की याद दिलाने पर अंतिम भुगतान के समय राशि से कटौती बात कही। इसके बाद फिर इकरारनामा में अगस्त 24 तक तीनों चेचिस पूरा करने करार हुआ। इस बीच वसीम 36 लाख रुपए आरके बॉडी बिल्डर्स एवं रिपेयर इंदौर एवं अन्य खाते में प्राप्त कर चुका था। इसके अलावा जरूरी सामान खरीदने के नाम पर 26 दिसंबर 2024 तक 55,13,290 रुपए ले लिए। इसी बीच मो. शोयब की 23 लाख वाहन के लिए
फाइनेंस की ब्याज एवं किस्त शुरू हो गई। फाइनेंस कंपनी ने बॉडी निर्माण के उपयोग में आने वाले सामान का बिल मांगा, लेकिन आरोपी ने नहीं दिया।
जीएसटी बिल और सर्टिफिकेट भी नहीं दिया
Fraud News: मो. शोयब ने बताया कि मो. वसीम ने जीएसटी बिल भी नहीं दिया। न ही एआरआई और 22 बी सर्टिफिकेट दिया। मामले में पोड़ी पुलिस की टीम ने शुक्रवार को आरके बॉडी बिल्डर्स एवं रिपेयर इंदौर में दबिश दी, जहां से संचालक मो. वसीम को गिरफ्तार कर तीनों बस को जब्त कर लिया है। कार्रवाई में एएसआई सुनील सिंह, रविन्द्र कुर्रे, विनोद तिवारी, अशोक एक्का, जुनास एक्का शामिल थे।