राजिम तहसील में अफसरों के न मिलने को लेकर ये कोई पहली शिकायत नहीं है। इनसे पहले वाले तहसीलदार भी खूब चर्चा में रहे। रायपुर में फ्लैट को जमीन बताकर सैकड़ों रजिस्ट्रियां रोकने वाले इस तहसीलदार ने अपनी कार्यशैली से राजिम में भी लोगों को काफी परेशान किया। मनमर्जी का आलम ये था कि कलेक्टर के आदेश जारी करने के बाद भी राजिम छोड़ने को तैयार नहीं थे।
CG News: स्टूडेंट भी अव्यवस्था से हलाकान
अक्टूबर 2024 में पत्रिका ने खबर छापी। इसके बाद नए तहसीलदार की राजिम में एंट्री हुई। फिंगेश्वर से डिंपल ध्रुव को यहां भेजा गया था। लोगों को उम्मीद थी कि अब व्यवस्था में सुधार होगा, लेकिन स्थितियां बनने की और बिगड़ती जा रहीं हैं। अभी हाल ये है कि नकल निकलवाने के लिए भी लोगों को महीनों चक्कर काटने पड़ रहे हैं। दिक्कत रेकॉर्ड का नहीं है। वो सब तहसील में उपलब्ध है। बात तहसीलदार के हस्ताक्षर पर अटक जाती है, जिसके बिना नकल नहीं मिल सकता। तहसीलदार दफ्तर में मिलती नहीं, तो साइन कौन करे और दस्तावेज कौन मुहैया कराए? किसानों के साथ स्कूल-कॉलेज पढ़ने वाले स्टूडेंट भी इस अव्यवस्था से हलाकान हैं। जाति, मूल निवास जैसे प्रमाण पत्र न मिलने से इनकी पढ़ाई-लिखाई प्रभावित होती रही है। शासन की विभिन्न योजनाओं से भी इन्हें वंचित होना पड़ता है।
नायब तहसीलदार की कुर्सी भी पिछले तीन माह से खाली
टीकम राम साहू, अध्यक्ष, अधिवक्ता संघ: तहसीलदार मार्क करेंगे, तब नकल मिलेगा। तहसीलदार तो मिलती नहीं। नायब तहसीलदार का कोर्ट भी महीनों से खाली है। चुनाव तक अधिकारी नहीं बैठते थे, समझ आता था। चुनाव के बाद भी अधिकारी तहसील में नहीं बैठते, ये तो हद हो गई।
भरी गर्मी दूर-दूर से जरूरी दस्तावेज बनवाने के लिए आने वाले लोगों को हफ्तों तहसील के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। गरियाबंद कलेक्टर को हमने कई दफे समस्या से अवगत कराया। एसडीएम से भी अपनी बात रखी। न तहसील के कामकाज में सुधार आया। न कोई कार्रवाई हुई। लगता नहीं कि प्रशासन राजिम को लेकर जरा भी गंभीर है।
अफसर के इंतजार में जनता
CG News: राजिम में जिले के बड़े जमीन सौदे होते हैं। इस लिहाज से यह
गरियाबंद की महत्वपूर्ण तहसील है। फिर भी जिले के अफसर यहां व्यवस्था सुधारने को लेकर बिलकुल भी गंभीर नहीं हैं। नमूना नायब तहसीलदार का ही ले लीजिए। राजिम में यह पद चुनाव के पहले तकरीबन 3 महीनों से खाली है। तहसीलदार की गैर मौजूदगी में कम से कम नायब तहसीलदार लोगों के काम निपटाते।
प्रशासन ने इस पद पर अब तक किसी की नियुक्ति ही नहीं की है। सामने एक बाबू की कुर्सी लगती है इसलिए कार्यालय का ताला खुल जाता है। बाकी नायब तहसीलदार का बोर्ड देखकर यहां आने वालों को हताश होकर ही लौटना पड़ता है।