CG News: धर्मांतरण कराना महापाप: अविमुक्तेश्वरानंद महाराज
शंकराचार्य ने कहा, सबके धर्मों का समान, सत्य, अहिंसा ही सनातन धर्म का मूल है। जबरदस्ती लालच देकर धर्मांतरण कराना महापाप है। वे नक्सलियों से अपील करना चाहते हैं कि हथियार उठाने से अभी तक आपको क्या मिला। इसलिए हिंसा के रास्ते को छोड़ें और मुख्यधारा से जुड़ें, सनातन धर्म का पालन करेंगे। इसी में कल्याण है। आतंक फैलाना और हथियार उठाना किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। शंकराचार्य महाराज निमोरा में चल रहे महायज्ञ में शामिल हुए और अनुपमनगर की देवीपुराण कथा में भी आशीर्वचन दिए। यहां स्वामी इंदुभवानंद महाराज कथा सुना रहे हैं।
समाज में वैमनस्यता राजनीतिक लोग फैला रहे
शंकराचार्य महाराज ने कहा कि समाज में वैमनस्यता राजनीतिक लोग फैला रहे हैं, उनसे धर्म का कोई लेना-देना नहीं है। केवल और केवल वोट के लिए कट्टरता को बढ़ाने के लिए हर चाल चली जाती है। वे तो यह कहते हैं कि धार्मिक स्थल के आसपास ही क्यों, पूरे प्रदेश में शराब बंद होना चाहिए। अनुपम नगर में चल रही श्रीमद देवी भागवत कथा में पधारे
जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि प्रत्येक प्राणी में शक्ति रहती है, जरूरत है अपने अंदर सुप्त पड़ी हुई उस शक्ति को पहचानने की। तभी हमें अपने स्वरूप का ज्ञान नहीं होगा। हनुमानजी भी अपनी शक्ति को भूल गए थे, तब जामवंत ने उनकी शक्ति की याद दिलाई। आप सभी लोग श्रीमद् देवी भागवत की दिव्य अमृतमयी कथा सुन रहे हैं जिसका यही सार है कि अपने अंदर छुपी हुई शक्ति को पहचानना है, और उस शक्ति को अच्छे सदकामों में लगाना है।
कथा व्यासपीठ पर दंडी संन्यासी स्वामी इन्दुभवानन्द तीर्थ ने कहा, संत महात्मा का आगमन लोगों के कल्याण के लिए होता है। उन्होंने गर्गाचार्य एवं नंदबाबा के संवाद उदाहरण दिए। इसके पूर्व गणेश मंदिर अनुपम नगर की समिति के सचिव प्रकाश जोशी ने कथा के विषय में प्रकाश डाला। सांई जलकुमार मसंद ने कहा कि गोमाता की रक्षा करना सबका परम कर्तव्य है।
धर्म की राजनीति करते हैं, धार्मिक लोगों का पोषण नहीं
CG News: शंकराचार्य महाराज ने देश में धर्म की राजनीति को बढ़ावा देने पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, भाजपा धर्म की राजनीति तो करती है, लेकिन धार्मिक लोगों का पोषण नहीं करती। हमने गौमाता के लिए कानून बनाने की मांग की थी। सभी दलों से आग्रह किया, लेकिन मांग पूरी नहीं हुई। धर्म का काम नहीं करना है, केवल राजनीति करना है।