सांसद अग्रवाल ने लोकसभा में एम्स
रायपुर में बिस्तरों की उपलब्धता, मरीजों के रेफरल, संसाधनों की बढ़ोतरी और अधिकारियों की जवाबदेही को लेकर सवाल भी उठाया है। इस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि एम्स रायपुर में 33 विभागों में 1098 बिस्तर उपलब्ध हैं। यहां मई 2024 से सितंबर 2024 तक केवल 6 महीनों में ही 2546 मरीजों को अन्य अस्पतालों में रेफर किए गए। हालांकि मरीजों का रेफरल मानक चिकित्सा प्रोटोकॉल और उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए किया जाता है।
मंत्री ने बताया, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत 150 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर अस्पताल ब्लॉक की स्थापना को मंजूरी दे दी गई है। सांसद अग्रवाल ने अस्पताल प्रशासन पर भी सवाल उठाए और कहा कि एस रायपुर में बिस्तरों की उपलब्धता के बावजूद मरीजों को भर्ती करने से मना किया जाता है।
एम्स स्टाफ द्वारा मरीजों और उनके परिजनों के साथ किए जा रहे अभद्र व्यवहार की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। यहां तक कि आपातकालीन वार्ड में भर्ती मरीजों को चार घंटे बाद जबरन छुट्टी दे दी जाती है। इस संबंध में एस अस्पताल प्रबंधन को पहले भी पत्र लिखा था, लेकिन उचित कार्रवाई नहीं हुई।
सांसद ने एस डायरेक्टर की कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब भी मैंने खुद या मेरे कार्यालय से एम्स रायपुर से संपर्क करने की कोशिश की गई, डायरेक्टर ने कोई जवाब नहीं दिया। यह रवैया पूरी तरह से गैर-जिमेदाराना है। हम प्रदेश के नागरिकों को उनके अधिकार से वंचित नहीं होने देंगे।