यह भी पढ़ें:
Tiger rescue: Video: मादा बाघ का किया गया रेस्क्यू, 3 एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम ने किया ट्रैक्यूलाइज, देखें वीडियो जब यह बच्ची झाड़ियों में मिली, तो वह बहुत कमजोर और अस्वस्थ थी।
अस्पताल में भर्ती होने के बाद, डॉक्टर व नर्स उसकी देखभाल व इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वे बच्ची को अपने परिवार की सदस्य की तरह प्यार व दुलार दे रहे हैं। बच्ची को रोज नए कपड़े पहनाए जा रहे हैं। नर्सें भी अपनी औलाद की तरह बच्ची का खास ख्याल रख रही हैं।
6 माह में छह से ज्यादा अनाथ बच्चों का इलाज आंबेडकर अस्पताल के पीडियाट्रिक
विभाग में 6 माह में ऐसे 6 अनाथ बच्चों का इलाज किया जाता है। कुछ राजधानी के होते हैं तो कुछ बच्चे दूसरे अस्पतालों से रेफर होते हैं। डॉक्टरों के अनुसार जब बच्चों को लाया जाता है, तब उनकी स्थिति काफी क्रिटिकल होती है।
बच्ची की मुस्कुराहट ने सभी का दिल जीता बच्ची की मुस्कुराहट ने अस्पताल के सभी का दिल जीत लिया है। नर्सों का कहना है कि जीवन की कीमत बहुत अधिक है और हमें हर जीवन को महत्व देना चाहिए। बच्ची हमें दूसरों की मदद करने और उनकी देखभाल करने के लिए प्रेरित करती है। यह बच्ची अब अस्पताल में एक प्रेरणा बन गई है और हमें जीवन की कीमत और मानवता की भावना को समझने का मौका देती है।
बच्ची दो माह तक अस्पताल में रहेगी। तब तक वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगी। एक संस्था को सौंपा जाएगा। वहां से जरूरतमंद बच्ची को गोद ले सकेंगे। एसडीएम की एक टीम बनी है, जो पूरी काउंसलिंग कर बच्चे को दंपती को सौंपते हैं। जरूरी नियमों व मापदंड में खरे उतरने वाली दंपती को ही बच्चा गोद दिया जाता है। नियमों में यह बदलाव केंद्र सरकार की ओर से किया गया है।