बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने बताई ये बात
इसके अलावा, इन दस्तावेजों में क्यूआर कोड भी शामिल होगा, जिससे किसी भी संस्था या व्यक्ति द्वारा इसकी तत्काल सत्यता की जांच की जा सकेगी। बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने बताया कि इसके लिए पूरी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अब तक परीक्षा परिणाम आने पर छात्र अपने विषयवार अंक तो देख लेते थे, लेकिन उस समय जो अंकपत्र या प्रमाणपत्र मिलता था, वह किसी भी आधिकारिक कार्य में उपयोग नहीं किया जा सकता था। लेकिन अब डिजिलॉकर पर जारी किया गया प्रमाणपत्र सरकारी एवं निजी सभी संस्थानों में मान्य होगा, जिससे छात्रों को आगे की पढ़ाई या नौकरी में काफी सुविधा मिलेगी।
डिजीलॉकर पर दिखेगी मार्कशीट
यूपी बोर्ड ने एक नई सुविधा शुरू की है, जिसमें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्रों को अंकपत्र और प्रमाणपत्र डिजिलॉकर पर मिलेगा। यह सत्यापित और डिजिटल हस्ताक्षर वाला होगा। इसमें सभी विषयों के अंक और छात्र की पूरी जानकारी होगी, जो पहले सिर्फ पेपर वाले अंकपत्र में मिलती थी। बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने यह कदम तकनीकी बदलाव को ध्यान में रखते हुए उठाया है। हालांकि, पेपर वाले अंकपत्र बाद में स्कूल से मिलेंगे, लेकिन डिजिलॉकर से छात्रों को अंकपत्र तुरंत मिल जाएगा और वे इसे कहीं भी, कभी भी इस्तेमाल कर सकेंगे।
कैसे कर सकते हैं डाउनलोड?
हाईस्कूल के छात्रों को अपना अनुक्रमांक और जन्मतिथि डालकर डिजिलॉकर से अंकपत्र डाउनलोड किया जा सकेगा। इंटरमीडिएट के छात्रों को डिजिलॉकर पर अंकपत्र देखने और डाउनलोड करने के लिए अपना अनुक्रमांक और मां का नाम डालना होगा। यह अंकपत्र बिना डिजाइन के होगा, लेकिन सभी जानकारी सही होगी।