बाघों को घेरने से बढ़ा खतरा
यह घटना करीब एक हफ्ते पहले की बताई जा रही है, जहां पर्यटकों के साथ जिप्सी चालक और गाइड भी बाघ परिवार के बेहद करीब पहुंच गए थे, जिससे वे असहज हो गए। यह स्थिति न केवल वन्यजीवों बल्कि पर्यटकों के लिए भी खतरनाक हो सकती थी। यदि बाघ भय या आक्रोश में हमला कर देते, तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। रिजर्व प्रबंधन ने की सख्त कार्रवाई
पन्ना टाइगर रिजर्व की क्षेत्रीय संचालक अंजना सुचिता तिर्की ने बताया मामले पता चलने के बाद प्रबंधन ने तुरंत कार्रवाई की है। बाघ परिवार को घेरने वाले पांच वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। साथ ही, सहायक संचालक को पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
पर्यावरणीय संतुलन और सुरक्षा पर असर
बाघों को उनके प्राकृतिक वातावरण में बाधित करना न केवल अवैध है, बल्कि इससे उनका व्यवहार भी प्रभावित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में बाघों को आक्रामक बना सकती हैं, जिससे जंगल सफारी के दौरान पर्यटकों के लिए भी खतरा बढ़ सकता है। वन्यजीव संरक्षण के लिए सख्त नियमों की जरूरत
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि जंगल सफारी के दौरान नियमों का सख्ती से पालन कराया जाना जरूरी है। वन विभाग को न केवल जिप्सी चालकों और गाइड्स की जवाबदेही तय करनी होगी, बल्कि पर्यटकों को भी जागरूक करना होगा कि वे वन्यजीवों की शांति भंग न करें। पन्ना टाइगर रिजर्व प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए गाइडलाइंस को और सख्त बनाया जाएगा। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी ताकि वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।