मेघों के मल्हार गाने पर जलाशय में फिर पानी से भरने की उम्मीद है। सुमेरपुर के निकट जवाई बांध में बुधवार को 28.75 फीट के साथ 1842.75 एमसीएफटी पानी है। इसमें से करीब 550 एमसीएफटी पानी डेड स्टोरेज व छीजत आदि का निकालने पर बांध में करीब 1300 एमसीएफटी पानी रहता है, जो आने वाले करीब छह माह के लिए पर्याप्त है।
इतने गांव जवाई पर निर्भर
जवाई बांध पर पाली जिले के करीब 700 गांव निर्भर हैं। साथ ही पाली व ब्यावर जिले के नौ शहर भी जवाई बांध के पानी से प्यास बुझाते हैं। सिरोही जिले के शिवगंज शहर में भी जवाई बांध से जलापूर्ति की जाती है। इसके साथ सिंचाई भी होती है।पिछले साल 1 अगस्त के बाद बदले थे हालात
पिछले साल जुलाई बीतने पर भी पाली पर मेहर नहीं हुई थी। उस समय जवाई बांध का जल स्तर घटकर 13.95 एमसीएफटी पहुंच गया था, जो जिलेवासियों की करीब दो माह तक ही प्यास बुझा सकता था, लेकिन इसके बाद बरसात आने पर जवाई भर गया और जल संकट टल गया था।सेई ने निभाया पूरा साथ
जवाई बांध के सहायक सेई बांध ने भी इस बार पूरा साथ निभाया था। सेई बांध का पूरा पानी जवाई में डायवर्ट किया था, जिससे जवाई अपनी पूरी भराव क्षमता 7327.50 एमसीएफटी के करीब पहुंच गया था। उस समय पानी की आवक व बरसात नहीं होने से फाटक नहीं खुले थे।जवाई बांध में पर्याप्त पानी
जिले के जवाई बांध में अभी पर्याप्त पानी है। डेड स्टोरेज का पानी निकालने के बावजूद इस बार मानसून आने तक जल संकट नहीं गहराएगा।कानसिंह राणावत, एक्सईएन, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, पाली