scriptरेखा सरकार के कानून एवं न्याय मंत्री को झटका, पाकिस्तान शब्द के इस्तेमाल पर कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी | Shock to Rekha Government Law and Justice Minister Kapil Mishra Rouse Avenue Court made strong comment on use Pakistan word in Delhi Election 2020 | Patrika News
नई दिल्ली

रेखा सरकार के कानून एवं न्याय मंत्री को झटका, पाकिस्तान शब्द के इस्तेमाल पर कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी

Law and Justice Minister Kapil Mishra: दिल्ली की नवनिर्वाचित रेखा गुप्ता सरकार में कानून एवं न्याय मंत्री कपिल मिश्रा को साल 2020 के एक मामले में झटका लगा है। इस दौरान कोर्ट ने चुनावी प्रचार के समय पाकिस्तान शब्द के इस्तेमाल पर सख्त टिप्पणी की।

नई दिल्लीMar 08, 2025 / 01:13 pm

Vishnu Bajpai

Law and Justice Minister Kapil Mishra: रेखा सरकार के कानून एवं न्याय मंत्री को झटका, पाकिस्तान शब्द के इस्तेमाल पर कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
Law and Justice Minister Kapil Mishra: साल 2020 में चुनाव प्रचार अभियान के समय दिया गया एक बयान दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार में कानून एवं न्याय मंत्री को महंगा पड़ा है। इस मामले में 11 नवंबर 2023 को पुलिस ने कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया था। यह एफआईआर रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय से मिले एक पत्र के आधार पर दर्ज की गई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने आदर्श आचार संहिता और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन किया है। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के संबंध में दो वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह ट्वीट किए थे।
इसके बाद तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत की अदालत ने पिछले साल जून में समन जारी कर कोर्ट में कपिल मिश्रा को तलब किया था। इसके एक महीने बाद 20 जुलाई 2024 को भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश जितेंद्र सिंह के समक्ष 2020 में उनके ट्वीट पर दर्ज एफआईआर में उन्हें तलब करने के आदेश को चुनौती देते हुए पुनरीक्षण याचिका दायर की थी। शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने दिल्ली के मौजूदा कानून एवं न्याय मंत्री कपिल मिश्रा की याचिका खारिज दी। इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले को लेकर सख्त टिप्पणी भी की है।

राउज एवेन्यू कोर्ट ने चुनाव आयोग की बताई जिम्मेदारी

राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा “चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है कि वह उम्मीदवारों को बिना किसी दंड के निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव के लिए माहौल को दूषित करने और दूषित करने से रोके। इसलिए यह कोर्ट निचली अदालत से पूरी तरह सहमत है कि रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा दायर की गई शिकायत चुनाव आयोग की अधिसूचना और अन्य दस्तावेज जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 के तहत दंडनीय अपराध का संज्ञान लेने के लिए पर्याप्त थे। तदनुसार, तत्काल पुनरीक्षण याचिका खारिज की जाती है।”
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इसने मिश्रा की इस दलील को खारिज कर दिया कि उनके बयान में कहीं भी किसी जाति, समुदाय, धर्म, नस्ल और भाषा का उल्लेख नहीं किया गया था, बल्कि उन्होंने ऐसे देश का उल्लेख किया था जो जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 के तहत प्रतिबंधित नहीं है। न्यायालय ने कहा, “यह दलील पूरी तरह से बेतुकी और पूरी तरह से अस्वीकार्य है, कथित बयान में विशेष ‘देश’ के अंतर्निहित संदर्भ में एक विशेष ‘धार्मिक समुदाय’ के लोगों के लिए एक स्पष्ट संकेत है, जो धार्मिक समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करने के लिए स्पष्ट है। इसे एक आम आदमी भी आसानी से समझ सकता है, एक समझदार व्यक्ति की तो बात ही छोड़िए।”

पाकिस्तान शब्द को लेकर कोर्ट ने क्या कहा?

विशेष न्यायाधीश ने कहा कि मिश्रा का बयान धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देने का एक बेशर्म प्रयास था, जिसमें अप्रत्यक्ष रूप से एक ‘देश’ का उल्लेख किया गया था। जिसे दुर्भाग्य से आम बोलचाल में अक्सर एक विशेष धर्म के सदस्यों को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। न्यायाधीश ने कहा “स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव किसी भी जीवंत लोकतंत्र की नींव हैं। भारत धर्मों, जातियों, संस्कृतियों, भाषाओं और जातीयताओं में विविधता का त्योहार है। हालांकि धार्मिक विविधताओं को अपनाया जाता है, लेकिन यहां नाजुक माहौल भी मौजूद है, जहां धार्मिक जुनून आसानी से भड़क सकता है।”

भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने शाहीनबाग को बताया था ‘मिनी पाकिस्तान’

दरअसल, साल 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने सोशल मीडिया पर एक ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने दिल्ली के शाहीनबाग इलाके को मिनी पाकिस्तान बताते हुए‌ कहा था “आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने शाहीन बाग में एक ‘मिनी पाकिस्तान’ बनाया है। अब ‘भारत और पाकिस्तान’ के बीच मुकाबला होगा।” शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश जितेंद्र सिंह ने कहा “संशोधनवादी ने अपने कथित बयानों में नफरत फैलाने के लिए ‘पाकिस्तान’ शब्द का इस्तेमाल बहुत ही कुशलता से किया है। वह चुनाव अभियान में होने वाले सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के प्रति लापरवाह है, जिसका उद्देश्य केवल वोट हासिल करना है।”
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न्यायाधीश ने कहा “भारत में चुनाव के दौरान वोट हासिल करने के लिए सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ भाषण देने का चलन रहा है। यह विभाजनकारी और बहिष्कार की राजनीति का नतीजा है। जो देश के लोकतांत्रिक और बहुलवादी ताने-बाने के लिए खतरा है। दुर्भाग्य से उपनिवेशवादियों की फूट डालो और राज करो की नीति भारत में अभी भी चलन में है।” इसके साथ ही विशेष न्यायाधीश ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट बरकरार रखा।

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