दिल्ली-एनसीआर में नशीले पदार्थों की तस्करी का भंडाफोड़
दरअसल, दिल्ली-एनसीआर में एनसीबी और दिल्ली पुलिस ने नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। सोमवार यानी ईद वाले दिन हुई इस कार्रवाई की जानकारी
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खुद दी है। उन्होंने अपनी पोस्ट में बताया है कि दिल्ली पुलिस और एनसीबी ने संयुक्त रूप से कार्रवाई के दौरान तस्करों के पास 27.4 करोड़ रुपये की मेथामफेटामाइन, एमडीएमए और कोकीन बरामद की है। इसके साथ ही पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी पोस्ट में ये भी बताया है कि नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ पुलिस का अभियान जारी है।
युवाओं के दिमाग पर असर डालते हैं ये नशीले पदार्थ
दिल्ली पुलिस और एनसीबी ने जिस नशीले पदार्थ का जखीरा पकड़ा है। उसमें मेथामफेटामाइन, एमडीएमए (3,4-मिथाइलीन डाइऑक्सीमेथामफेटामाइन) और कोकीन शामिल हैं। ये तीनों ही भयंकर नशीले पदार्थ हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ये नशीले पदार्थ युवाओं को इसका लती बनाते हैं। इनका असर सीधे दिमाग पर होता है। ज्यादा मजे के चक्कर में युवा इनका ज्यादा मात्रा में सेवन करने लगते हैं। इसके चलते उन्हें इसकी लत लग जाती है। इससे शरीर और मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से खतरा पैदा हो जाता है। इसलिए सरकार इसपर लगाम लगाने के प्रयास कर रही है।
कैसे काम करते हैं ये नशीले पदार्थ?
विशेषज्ञों की मानें तो मेथामफेटामाइन एक सिंथेटिक उत्तेजक है। यह शरीर में केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central nervous system) को एक्टिव करता है। जब यह शरीर पर हावी होता है तो ऊर्जा, सतर्कता और खुशी का अनुभव होता है। इसलिए युवा इसकी ओर ज्यादा भागते हैं। इसके अलावा एमडीएमए वह नशीला पदार्थ है। जिसका असर होते ही दिमागी भावनाओं में उथल-पुथल पैदा हो जाती है। यानी शरीर उत्तेजना से भर जाता है। जबकि कोकीन एक प्राकृतिक उत्तेजक है। यह कोका पौधे की पत्तियों से निकाला जाता है। इसके सेवन से दिमाग में डोपामाइन का लेवल बढ़ जाता है। इससे इंसान को तत्कालिक खुशी का अनुभव होता है। लंबे समय तक इसका इस्तेमाल शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाता है।