झिल्लियों की अतिरिक्त जोड़ी से बड़ी रेंज अब तक माना जाता था कि इंसानों और बंदरों के स्वर यंत्रों में एक जोड़ी वोकल फोल्ड होते हैं। इनके कंपन से ध्वनि पैदा होती है। नए शोध में पता चला कि बंदरों के पास झिल्लियों की अतिरिक्त जोड़ी होती है। इसकी बदौलत उन्हें इंसानों से कहीं ज्यादा बड़ी पिच रेंज मिल जाती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि विकास की यात्रा में किसी पड़ाव पर संभवत: इंसानों ने ये झिल्लियां खो दीं।
अलग-अलग प्रजाति का विश्लेषण वैज्ञानिकों ने बोलीविया के अभयारण्य में अलग-अलग प्रजाति के बंदरों के गलों पर सेंसर डाले थे। इससे वे देख पाए कि बंदरों के स्वर यंत्र में क्या-क्या होता है। स्पाइडर प्रजाति के बंदर को सबसे अच्छी यॉडङ्क्षलग करने वाला पाया गया। वे करीब चार ऑक्टेव की छलांग लगा रहे थे। मरे हुए बंदरों के स्वर यंत्रों का भी अध्ययन कर कंप्यूटर मॉडलिंग के जरिए उनकी अलग फ्रीक्वेंसी का विश्लेषण किया गया।