Aurangzeb Tomb Row: ‘शिवाजी और औरंगजेब में जिन्हें फर्क नहीं पता वो स्कूल जाएं’, शिवसेना सांसद ने ऐसा क्यों कहा
Aurangzeb Tomb Row: शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने कहा अगर कुछ लोगों को छत्रपति शिवाजी महाराज और औरंगजेब में फर्क नहीं पता तो उन्हें स्कूल वापस जाना चाहिए।
Aurangzeb Tomb Row: औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद अब तेज हो गया है। हिंदू संगठनों, विश्व हिंदू संगठन और बजरंग दल की धमकी के बाद महाराष्ट्र के संभाजीनगर में औरंगजेब की मजार पर भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। हिंदू संगठनों ने धमकी दी है कि अगर प्रदेश सरकार ने मजार को हटाने की मांग नहीं मानी तो इसका हश्र बाबरी मस्जिद जैसा होगा। वहीं औरंगजेब के मकबरे को लेकर सियासत भी तेज हो गई है।
मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को लेकर उठे विवाद पर शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने कहा अगर कुछ लोगों को छत्रपति शिवाजी महाराज और औरंगजेब में फर्क नहीं पता तो उन्हें स्कूल वापस जाना चाहिए। लोगों को शिवसेना (यूबीटी) जैसी पार्टियों से कोई उम्मीद नहीं है और लोगों ने उन्हें दो बार सबक सिखाया है। इन पार्टियों को इसलिए नकार दिया गया है क्योंकि उन्होंने बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा से समझौता किया था।
शिवसेना (UBT) और कांग्रेस कर रही राजनीति
शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने कहा कि इस मामले में उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के नेता राजनीति कर रहे हैं क्योंकि उन्हें अल्पसंख्यकों का वोट चाहिए। उद्धव ठाकरे औरंगजेब के मकबरे का समर्थन कर रहे हैं। उन्हें अब स्पष्ट करना चाहिए कि वह औरंगजेब के मकबरे का समर्थन करते हैं, क्या उन्होंने पहले बाबरी ढांचे का भी समर्थन किया था।
#WATCH | Nagpur, Maharashtra: Bajrang Dal stages a protest in front of Chhatrapati Shivaji Maharaj's statue over their demand to remove Aurangzeb's tomb pic.twitter.com/s5Z2tpIc7r
बजरंग दल के सदस्यों ने मुगल शासक औरंगजेब की मजार हटाने की मांग को लेकर नागपुर जिला कलेक्टर के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया। इससे पहले बजरंग दल के नेता नितिन महाजन ने रविवार को महाराष्ट्र के संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की और चेतावनी दी कि अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो कब्र का भी वही हश्र होगा जो बाबरी मस्जिद का हुआ था।
क्या है पूरा मामला
महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर सियासी विवाद तब सुर्खियों में आया जब समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ की, जिसके बाद बीजेपी और अन्य हिंदू संगठनों ने कड़ा विरोध जताया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मांग का समर्थन करते हुए कहा कि न केवल बीजेपी, बल्कि राज्य और देश की जनता भी चाहती है कि कब्र को हटाया जाए, हालांकि उन्होंने जोड़ा कि कोई भी कार्रवाई कानून के दायरे में होगी।