Monsoon update: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस साल होने वाली मानसून की बारिश को लेकर अपना पहला पूर्वानुमान जारी कर दिया है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक इस साल देश में औसत से अधिक मॉनसून वर्षा होने की उम्मीद है, जो दीर्घकालिक औसत (एलपीए) का 105 प्रतिशत हो सकती है। बता दें कि IMD LPA के 105-110 प्रतिशत की सीमा में वर्षा को “औसत से अधिक” के रूप में परिभाषित करता है।
मौसम विभाग के मुताबिक लद्दाख, उत्तर-पूर्व और तमिलनाडु में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है। 1 जून के आसपास दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में आगे बढ़ना शुरू करेगा और सितंबर के मध्य तक वापस चला जाएगा। वहीं विभाग ने पूरे मानसून के दौरान अल नीनो की स्थिति की संभावना से इंनकार किया है।
IMD प्रमुख ने कही ये बात
आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि देश में चार महीने के मानसून सीजन में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है। इस बार मानसून में औसत से 105 प्रतिशत बारिश अधिक हो सकती है। उन्होंने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम मानसून बारिश से जुड़ी अल नीनो स्थितियां इस बार विकसित होने की संभावना नहीं है।
गर्मी की दी चेतावनी
बता दें कि देश के कई हिस्सों में भारी गर्मी पड़ रही है और लोग हीटवेव से परेशान है। अब मौसम विभाग ने बताया कि अप्रेल से जून तक भीषण गर्मी पड़ सकती है और तेज लू भी चल सकती है।
बता दें कि मौसम विभाग का यह पूर्वानुमान बहुत खास है, क्योंकि किसान समय पर बुवाई कर सकेंगे। सिंचाई पर निर्भरता घटेगी और लागत में कमी आएगी। खरीफ फसलों की पैदावार बेहतर होने की उम्मीद है। खेतों में नमी रहने से रबी की फसल भी अच्छी होगी, जिससे महंगाई घटने की उम्मीद है।
क्या होता है ला नीना?
ला नीना (La Nina) एक जलवायु घटना है जो प्रशांत महासागर में होती है। यह एल नीनो-दक्षिणी दोलन (ENSO) का हिस्सा है। ला नीना में, पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर की सतह का तापमान सामान्य से ठंडा हो जाता है, क्योंकि तेज़ व्यापारिक हवाएँ गर्म सतही पानी को पश्चिम की ओर धकेलती हैं और गहरे, ठंडे पानी को सतह पर लाती हैं।
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