आवारा श्वानों का बढ़ता कहर: तीन साल में 94 लाख लोग बने शिकार, रैबीज से मौतें भी बढ़ीं
Dog Bite Cases India: भारत में आवारा कुत्तों की संख्या घटने के बावजूद पिछले तीन वर्षों में 94 लाख से अधिक लोग इनके शिकार बने हैं। रैबीज से मौतों में भी बढ़ोतरी देखी गई है, जो स्थानीय निकायों की चुनौती को दर्शाता है।
– शादाब अहमद Stray Dog Attacks in India: देश में आवारा श्वानों की आबादी में गिरावट आने के बावजूद इनका आतंक साल-दर-साल बढ़ रहा है। पिछले तीन साल के दौरान करीब 94 लाख लोग आवारा श्वानों के शिकार हो चुके हैं। जबकि रैबीज से मौत के मामले भी हर साल बढ़ रहे हैं। श्वानों के आतंक के मामले में महाराष्ट्र सबसे आगे हैं। जबकि राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी हर साल लाखों लोग श्वानों के शिकार हो रहे हैं। पिछले दिनों ही मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक ही दिन श्वान के काटने के करीब 100 मामले सामने आए। श्वान काटने के डर से कई शहरों के कई इलाकों में आम नागरिकों का जनजीवन और स्वतंत्र आवाजाही प्रभावित हो रही है।
दरअसल, देशभर में आवारा श्वानों के काटने के चलते लोगों की जान आफत में आ रही है। यह मामले 2022 से जनवरी 2025 तक तेजी से बढ़े हैं। खासतौर पर महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, गुजरात और बिहार जैसे प्रदेशों में यह बड़ी समस्या बनकर उभर रहा है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े इस गंभीर समस्या की ओर इशारा कर रहे हैं। हालात यह है कि इस साल अकेले जनवरी में ही 4.30 लाख लोग आवारा श्वानों के शिकार हुए हैं। यह पिछले साल के मासिक औसत से 25 फीसदी ज्यादा है।
नियंत्रित करना स्थानीय निकायों का काम
पशुधन का संरक्षण, सुरक्षा और सुधार तथा पशु रोगों की रोकथाम राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में हैं। स्थानीय निकायों को आवारा श्वानों की आबादी को नियंत्रित करने का अधिकार है। वर्ष 2019 और 2023 में किए गए अध्ययन में बताया गया कि 2023 में अवारा श्वारा की आबादी में 10 प्रतिशत की कमी आई है। जबकि नसबंदी भी 20 फीसदी बढ़ गई है। अभी भी इसमें काफी सुधार की जरूरत बताई जा रही है।