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Explainer: क्या है शिमला समझौता और मुख्य शर्तें, रद्द हुआ तो भारत को ये फायदे

Shimla Agreement 1972: शिमला समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच 2 जुलाई 1972 को शिमला, हिमाचल प्रदेश में हुआ एक द्विपक्षीय समझौता था।

भारतApr 26, 2025 / 09:12 am

Shaitan Prajapat

-पुष्‍पेश शर्मा
What Is The Simla Agreement: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित करने जैसे कड़े कदम उठाए तो पाकिस्तान ने इसके बदले शिमला समझौते को स्थगित करने की धमकी दी है। जानते हैं क्या है शिमला समझौता और इसके खत्म होने से दोनों देशों पर क्या असर होगा?

कब और किनके बीच हुआ समझौता

1971 में भारत के हाथों करारी शिकस्त के बाद 2 जुलाई, 1972 को हिमाचल प्रदेश प्रदेश की राजधानी शिमला में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फीकार अली भुट्टो के बीच संधि हुई, जिसे ‘शिमला समझौता’ कहा जाता है। समझौता के मुताबिक युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच पैदा हुए मतभेदों को दूर करना, शांति बहाली और भविष्य में रिश्तों को बेहतर करना था।

समझौते की मुख्य शर्तें

1 तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के बिना सभी विवाद आपसी बातचीत से सुलझाएंगे। यह भारत की कूटनीतिक जीत थी, क्योंकि पाकिस्तान कश्मीर मसले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की कोशिश करता रहा है।
2 दोनों देशों ने तय किया कि एक-दूसरे के खिलाफ हिंसा या सैन्य बल का प्रयोग नहीं करेंगे और सभी मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाएंगे।

3 1971 युद्ध के बाद नई नियंत्रण रेखा निर्धारित की गई, जिसे दोनों देशों ने मान्यता दी। आज भी यही नियंत्रण रेखा है।
4 भारत ने पाकिस्तान के लगभग 93 हजार युद्धबंदियों को बिना किसी शर्त रिहा कर दिया। साथ ही युद्ध के दौरान कब्जे में ली पांच हजार वर्ग मील जमीन का ज्यादातर हिस्सा पाक को लौटा दिया।

पाकिस्तान करता रहा उल्लंघन

पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से लेकर इस्लामी सहयोग संगठन (ओआइसी) तक न जाने कितने ही वैश्विक मंचों पर कश्मीर मुद्दे को कई उठाया। हालांकि हर बार वह इन मंचों पर झूठा साबित हुआ।

समझौता रद्द हुआ तो भारत को ये फायदे

1 सेना को खुली छूट : यदि समझौता रद्द हुआ तो भारतीय सेना को इसका लाभ मिलेगा। 1984 में पाक ने कराची समझौते के तहत सीमांकित भारतीय क्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर कब्जे की कोशिश की थी, जवाब में भारत ने ऑपरेशन मेघदूत शुरू किया और ग्लेशियर पर नियंत्रण हासिल कर लिया।
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2 सुरक्षा बढ़ाने का विकल्प : यदि समझौता रद्द होता है तो भारत के पास आतंकी घुसपैठ से प्रभावित क्षेत्रों की सुरक्षा बढ़ा बढ़ाने का विकल्प रहेगा।

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3 सहयोगी साथ आ सकते हैं : समझौता रद्द हो चुका, लिहाजा भारत अब अमरीका, इजरायल और पश्चिम एशियाई सहयोगियोंं के प्रभाव का इस्तेमाल कर पाकिस्तान को अलग-थलग कर सकता है।

#PahalgamAttack में अब तक

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