नौ तारीख तक दें फीडबैक
आधिकारिक तौर पर बताया गया कि मसौदा मानदंड अब सार्वजनिक डोमेन में रखे जाएंगे और हितधारक नौ मार्च तक अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं। इसके बाद नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। मसौदा मानदंडों के अनुसार, परीक्षा का पहला चरण 17 फरवरी से 6 मार्च तक आयोजित किया जाएगा, जबकि दूसरा चरण 5 सेचुनावी राज्यों में नए नेतृत्व के साथ मैदान में उतरेगी कांग्रेस, सामने होंगी कड़ी चुनौतियां
20 मई तक आयोजित किया जाएगा।
दोनों बार एक ही परीक्षा केंद्र होंगेबोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दोनों परीक्षाएं पूरे पाठ्यक्रम के आधार पर आयोजित की जाएंगी और उम्मीदवारों को दोनों संस्करणों में एक ही परीक्षा केंद्र आवंटित किए जाएंगे। आवेदन दाखिल करने के समय दोनों परीक्षाओं के लिए परीक्षा शुल्क बढ़ाया जाएगा और एकत्र किया जाएगा।
वर्तमान में क्या है प्रणाली?
वर्तमान में कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए बोर्ड परीक्षाएं फरवरी और मार्च के बीच आयोजित की जाती हैं। कोविड के दौरान सीबीएसइ ने एक बार के उपाय के रूप में बोर्ड परीक्षाओं को दो सत्रों में विभाजित किया था। हालांकि, बोर्ड अगले वर्ष पारंपरिक वर्ष के अंत में परीक्षा प्रारूप पर लौट आया।पांच सवाल जो आपने मन में हैं
1- क्या दोनों बार परीक्षा देना जरूरी होगा?नहीं, यह छात्र-छात्राओं पर निर्भर करेगा। वे एक बार परीक्षा में शामिल हो सकते हैं या दोनों बार परीक्षा दे सकते हैं। इसके साथ ही किसी सब्जेक्ट में अच्छा परफॉर्म न कर पाने पर, दूसरी परीक्षा में उस विषय का दोबारा परीक्षा दे सकते हैं।
बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार होंगी, लेकिन प्रैक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन साल में केवल एक बार ही होंगे। 3- क्या दोनों परीक्षाओं के सिलेबस अलग-अलग होंगे?
दोनों परीक्षाएं पूरे सिलेबस पर आधारित होंगी। परीक्षा का रूप एक जैसा ही होगा।
दो बार परीक्षा देने पर बेहतर परिणाम अंतिम माना जाएगा। उदाहरण के लिए दूसरी बार परीक्षा में अंक कम आते हैं तो पहली परीक्षा के नंबर अंतिम माने जाएंगे।
दोनों परीक्षाओं के लिए रजिस्ट्रेशन एक ही बार करना होगा। दो बार परीक्षा देने का ऑप्शन चुनने पर फीस एक साथ ली जाएगी। इससे साफ है कि परीक्षा की फीस बढ़ जाएगी।वर्तमान में क्या है प्रणाली?