परिषद में मिली थी मंजूरी- नगरपालिका परिषद के सम्मेलन में शहर के पार्कों को लेकर प्रस्ताव लाया गया था। जिसमें नगरीय क्षेत्र के सभी उद्यानों को पीपीपी मॉडल पर विभिन्न बैंकों, सामाजिक संस्थाओं, एनजीओ को रखरखाव के लिए सौंपने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।———-
हालात बयां करती तस्वीरें…हालात 01 : फोटो : 1822-23 स्थान : हाउसिंग बोर्ड कॉलोनीकॉलोनी के बीच में पार्क बना है। पार्क का गेट गायब है। प्रवेश द्वार के सामने भवन निर्माण सामग्री विक्रेता ने कब्जा जमा रखा है। भीतर पाथवे उखड़ रहे हैं। बैठने के लिए बैंच नदारद मिली। पार्क के भीतर जगह-जगह गंदगी। पार्क पूरी तरह बदहाल है। इसलिए बच्चे नहीं आते।
हालात 01 : फोटो : 1824-25 स्थान : नारायण नगरकॉलोनी में मंदिर परिसर के भीतर छोटा पार्क है। पार्क के भीतर वार्ड में पेयजल सप्लाई का ट्यूबवेल मौजूद है। यहां बैठने के लिए बैंच और बच्चों के लिए लगाए गए झूले टूटे पड़े मिले। पार्क के एक हिस्से में सफाई थी, लेकिन एक हिस्से में कचरे का ढेर लगा था।
ये तस्वीर अच्छी है… फोटो : 1826-27- नेहरू उद्यानशहर का नेहरू उद्यान पूरी तरह से विकसित और हरियाली की चादर ओढ़े हुए है। पार्क सुबह और शाम के समय नियमित खुलता है। साफ-सफाई से लेकर योग, बच्चों के लिए झूले और आराम फरमाने के लिए पर्याप्त बैंचें लगी है। पार्क में ग्रीनरी और सफाई की वजह से लोगों की हमेशा भीड़ रहती है। इस पार्क का उद्घाटन 7 अपे्रल 1973 को मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाशचंद सेठी ने किया था।
———–खास-खास… -शहर में कुल 33 वार्ड हैं।-इन सभी वार्डों और शहर में लगभग 55 छोटे-बड़े पार्क हैं। -शहर के नेहरू पार्क के अलावा सभी पार्कों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।-रखरखाव के नाम पर नेहरू पार्क में ही साफ-सफाई, बिजली और पानी का इंतजाम है।
इनका कहना है… पार्कों को पीपीपी मॉडल पर संचालित करने के लिए पहले उन्हें डेवलप करना है। इसलिए शहर के सभी वार्डों से एक-एक पार्क का चयन किया गया है। जिन्हें डेवलप करने के बाद दो वर्ष के लिए पीपीपी मोड पर दिए जाएंगे।
-प्रतिमा बेलिया, प्रभारी पार्क प्रबंधन नपा नर्मदापुरम