नावांशहर/मारोठ. नागौर जिले के मारोठ में तीन दिन से रघुनाथ मन्दिर भूमि मामले में अधिवक्ता व राजपूत समाज ट्रस्ट पदाधिकारियों के साथ हुए दुर्व्यवहार पर रविवार को पुलिस थाने के बाहर धरना प्रदर्शन किया। मामले को लेकर एसपी ने मारोठ थानाधिकारी व दो कांस्टेबल को लाइन हाजिर किया है। कार्रवाई के बाद राजपूत समाज ने सुचारू संघर्ष समिति के फैसले के बाद में जांच होने तक धरने को स्थगित कर दिया है। रविवार सुबह से ही राजपूत समाज के ट्रस्ट अध्यक्ष भूपेन्द्र सिहं राजलिया के आग्रह पर प्रदेशभर से सैकड़ों की तादात में लोग मारोठ पुलिस थाने के बाहर एकजुट होकर धरने में शामिल हुए। समाज के जनप्रतिनिधियों ने भी समाज के व्यक्ति के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर आक्रोश जताया। जिसमें राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना, भाजपा नेता भंवर सिंह पलाड़ा, पूर्व विधायक मानसिंह किनसरिया, मनोहर सिंह रूपपुरा, विजय सिंह पलाड़ा, सुरेंद्र सिंह कांसेड़ा, विजेंद्र सिंह भांवता ने संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस के आलाधिकारी सुन ले, अगर न्याय नहीं मिला तो पूरे राजस्थान में धरना प्रदर्शन होगा। अगर हमारी मांग समय रहते पूरी नहीं हुई तो नावां-मारोठ ही नहीं जिला व प्रदेश भी बन्द करना पड़ा तो बन्द करेंगे। उसके बाद में ११ सदस्यों की संघर्ष समिति व एसएसपी नेमीचंद खारिया, सीओ भवानी सिंह के बीच वार्ता हुई। जिसमें भंवरसिंह पलाड़ा व पूर्व विधायक मानसिंह किनसरिया ने कहा कि थानाधिकारी शंकरलाल कड़वा, कांस्टेबल रोहिताश मीणा व सुखाराम को लाइन हाजिर किया है तथा जांच परबतसर एएसपी को दी गई है। इस प्रकरण की समस्त जांच के बाद ही अन्य कार्यों पर अमल किया जाएगा। वहीं दी जिला एडवोकेट एसोसिएशन जयपुर द्वारा अधिवक्ता गोपाल सिंह के साथ हुई घटना को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया तथा उचित कार्रवाई की मांग की गई। धरने में भूपेंद्र सिंह राजलिया, अधिवक्ता गोपाल सिंह, सुरवीर सिंह पलाड़ा, धर्मेंद्र सिंह लिचाना, वीरेंद्र सिंह मिठड़ी, दलपत सिंह गच्छीपुरा, शंकर सिंह कोपपुरा, श्रीपाल सिंह रसाल, भगवान सिंह रसाल, भाजपा नेता बाबूलाल पलाड़ा, सरपंच देवीलाल दादरवाल सहित शामिल हुए।
इधर…दूसरे पक्ष ने पुलिस जिंदाबाद के नारे लगाते हुए एसडीएम को दिया ज्ञापन:- मामले में दूसरे पक्ष ने एसडीएम जीतू कुल्हरी को एसपी के नाम ज्ञापन देते हुए कहा कि 14 मार्च को मन्दिर पुजारी ने रिपोर्ट देते हुए कानून व्यवस्था बरकरार रखने व घटना को घटने से रोका है। वहीं ईमानदार अधिकारी व स्टाप को सजा देने के लिए कहा जा रहा है। वहीं जाति विशेष अधिकारी जांच के लिए नियुक्त किया है, जिससे जांच प्रभावित होगी। कलक्टर के नाम ज्ञापन में कहा कि बस स्टैंड के निकट मन्दिर रघुनाथजी की कृषि भूमि स्थिति है। जिसके पुजारी गोपालनाथ है, राजपूत समाज का कोई लेना-देना नहीं है। यहां इनका राजा रघुनाथ सिंह का स्मृति स्मारक है। लेकिन मन्दिर भूमि से कोई लेना-देना नहीं है। ग्राम के बाहर के लोगों का ग्राम में आकर गांव की शांति भंग नहीं करें। अगर आगे से ऐसा हुआ तो सर्वसमाज चुप नहीं रहेगा। इस दौरान मिंडा सरपंच जोगेंद्र ताकर, गजेंद्र सिंह, नटवर लाल तिवाड़ी, तेजपाल रुलानिया, सुवाराम, रामपाल मेघवाल, मालचंद केसोट, चांदमल खींची, सुभाष रुलानिया सहित बड़ी संख्या में सर्वसमाज के लोग मारोठ उपतहसील में पुलिस जिंदाबाद के नारे लगाते हुए पहुंचे।
यह था मामला:- मारोठ में मन्दिर भूमि पर सामग्री डालने की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ३-४ व्यक्तियों को पाबंद करते हुए बैरक में डाल दिया। आरोप है कि जिसकी पैरवी करने गए अधिवक्ता गोपाल सिंह व राजपूत समाज ट्रस्ट के अध्यक्ष भुपेन्द्र सिंह, सह-कोषाध्यक्ष मूलसिंह के साथ भी पुलिस ने दुर्व्यवहार किया तथा कपड़े खुलवाकर बैरक में बैठा दिया। जिसके चलते राजपूत समाज में आक्रोश नजर आया।
इनका कहना:- एसएचओ व दो कांस्टेबल को भेजा जिला मुख्यालय:- मारोठ में चल रहे प्रकरण में जांच प्रभावित न हो इसके लिए एसएचओ व दो कांस्टेबल को जिला मुख्यालय रवाना किया है। वहीं उक्त प्रकरण की जांच भी परबतसर एसएसपी को दी गई है। इसके साथ आग्रह किया है कि धरना समाप्त करें, जांच में जो भी दोषी होंगे उचित कार्रवाई होगी।
नेमीचंद खारिया, एएसपी कुचामन सिटी।